इसे आप प्रकृति की रचना कह लीजिए या कोई वैज्ञानिक कारण पर सूर्य के साथ प्रतिक्रिया करता फूल “सूर्यमुखी” अद्भुत है।सूर्यमुखी का मुख हमेशा सूर्य की और ही क्यों होता है? यह सवाल हमेशा सभी के मन में आता ही होगा, आइए आपको बताते हैं सूर्यमुखी की इस प्रक्रिया के बारे में हमारी इस खास रिपोर्ट में।
वैसे तो सूर्यमुखी विश्व में कहीं भी उगाया जा सकता है। मगर इसका मूलजन्म अमेरिका का माना जाता है। सूर्यमुखी का वैज्ञानिक नाम “एलिऐंथस ऐनस” है। सूर्य की ओर मुख रहने की इस प्रोसेस को “ऐलियोट्रॉपिज्म” कहा जाता है। दरअसल सूर्यमुखी की उपज उन क्षेत्रों में ज्यादा पाई जाती है जहां सूर्य की तपिश लगातार 6 घंटे आती हो, क्योंकि सूर्य की ऊर्जा से ही इसे जीवन और प्राकृतिक सुंदरता मिलती है।
जहां सूर्य की ऊर्जा होती है सूर्यमुखी खिलता है और सूर्य के साथ ही पूर्व से पश्चिम की ओर, सूर्य की दिशा अनुसार घूमता है। सूर्य की और मुख्य के कारण ही इसका नाम “सूर्यमुखी” पड़ा। हम यह भी कह सकते हैं सूर्यमुखी सूर्य के प्रकाश के साथ अपनी प्रतिक्रिया करता है। यह मनुष्य की प्रतिक्रिया के समान होती है इसलिए इसे “बायोलॉजिकल क्लॉक” भी कहते हैं।
रशिया में सूर्यमुखी की उपज अधिक है और सूर्यमुखी यहां का राष्ट्रीय फूल भी है और रशिया में सूर्यमुखी का तेल भी अधिक पाया जाता है। सूर्यमुखी एकमात्र ऐसा फूल है जिसके नाम में फूल शब्द आता है। सृष्टि की रचना का यह एक अद्भुत उदाहरण है जिसे वैज्ञानिक भी अब मानने लगे हैं जो सूर्य के समान गतिशील है।