आज के समय में पीने के पानी के कई स्त्रोत मौजूद है टेक्नॉलॉजी आज ऐसी आ गई है, जो खराब से खराब पानी को मिनटों में शुद्ध कर देती है। लेकिन हमारे पूर्वज हजारों सालों से कुएं का पानी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, जिसे RO के पानी जितना शुद्ध माना जाता है। आज भी देश के कई क्षेत्रों में पीने के पानी और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए कुएं से ही पानी प्राप्त किया जाता है।
लेकिन क्या आपने इस बात पर गौर किया है कि आज भी इस मॉडर्न जमाने में कुएं गोल ही देखने को मिलते हैं। जबकि आज तो मशीनें भी मौजूद है, जिसका इस्तेमाल करते हुए अपने अनुसार किसी भी डिजाइन का कुआं आसानी से खोदा जा सकता है, जबकि पहले के समय में एक कुएं की खुदाई करने में महीनों लग जाते थे। आज एक कुएं को 1 दिन में भी तैयार किया जा सकता है।
तो चलो आज हम आपको एक आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं कि आज भी कुएं को गोल रूप में ही क्यों खोदा जाता है और इसके पीछे का वैज्ञानिक रूप क्या है। दरअसल, गोल कुएं को आसानी से कोटा जा सकता है और इनकी उम्र काफी ज्यादा लंबी होती है क्योंकि इनके अंदर पानी एक जैसे दबाव के साथ बना हुआ रहता है जिससे कुए के उदरने और टूटने की संभावना बहुत कम रहती है।
जबकि कुएं को चौकोर रूप में खुद आ जाएगा तो पानी का दबाव कुएं के कॉर्नर पर काफी ज्यादा रहेगा ऐसे में कुए की उम्र काफी कम हो जाती है और इससे जल्द टूटने की संभावना बढ़ जाती है। इतना ही नहीं भविष्य में कुएं को और भी गहरा करते हैं तो गोल कुएं में आसानी से सब कार्य किया जा सकता है, जबकि चौकोर कुएं में खुदाई में काफी समस्या होती है।