White Paper in Parliament : क्या आप जानते हैं क्या होता है व्हाइट पेपर? संसद में कब और कहां किया जाता है इसका इस्तेमाल

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White Paper in Parliament : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान व्हाइट पेपर लाने के बारे में कहा था। इसके साथ ही उन्होंने अपने भाषण में यह भी कहा था कि 2014 से पहले भारत के अर्थव्यवस्था क्या थी और संकट से निकलने के लिए भाजपा सरकार ने किस तरह मेहनत किया है। इन सब चीजों को दिखाने के लिए निर्मला सीतारमण श्वेत पत्र जारी करने के बारे में कही थी।

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जानिए क्या होता है श्वेत पत्र

व्हाइट पेपर (White Paper in Parliament) यानी कि श्वेत पत्र एक तरह का सूचनात्मक रिपोर्ट होता है जिसमें सरकार की नीतियों, उपलब्धियां और बेहद महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में चर्चा की जाती है। सरकार जब श्वेत पत्र लाने की घोषणा करती है तो इसका साफ अर्थ होता है कि वह किसी मुद्दे पर चर्चा कार्रवाई या सुझाव देने या किसी खास मामले पर निष्कर्ष के लिए श्वेत पत्र का इस्तेमाल करती है।

व्हाइट पेपर का इस्तेमाल सरकार संगठन या फिर किसी विशेषज्ञ के द्वारा किया जाता है। यह डिसीजन मेकिंग में मदद करता है। अगर किसी समस्या का समाधान प्रस्तावित करना है या फिर सिफारिश पर कार्रवाई करना है तो सरकारी श्वेत पत्र पेश करती है।

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जानिए श्वेत पत्र की खासियते

स्वेत पत्र में किसी विषय विशेष मुद्दे नीति की व्यापक और विस्तृत जानकारी दी गई होती है। व्हाइट पेपर कार्टून न्यूट्रल होता है यानी कि उसमें पूर्वाग्रह नहीं बल्कि जानकारी और विश्लेषण दिया गया रहता है। आपको बता दे वाइट पेपर में गहन विश्लेषण और अनुसंधान के आधार पर नीति परिवर्तन पहले और सुधार के साथ-साथ प्रस्ताव सिफारिश को शामिल किया गया रहता है।

व्हाइट पेपर में गहन विश्लेषण और अनुसंधान के आधार पर नीति परिवर्तन, पहल और सुधार के साथ-साथ प्रस्ताव और सिफारिशें शामिल होती है। श्वेत पत्रों में जो भी मुद्दों का विश्लेषण दिया जाता है वह तर्कों और सिफारिशों, सोर्स, निष्कर्षों और विशेषज्ञ के राय के आधार पर दिया जाता है।


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