हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में यू तो कई अभिनेता आए और चले गए। लेकिन आज हम जिस कलाकार की बात करने जा रहे हैं उनका नाम था शुरू से ही विवादों से भरा रहा है लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में भी उन्होंने अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। आज तक कई सुपर डुपर हिट फिल्मों में काम कर चुके संजय दत्त के जीवन में एक समय ऐसा भी आया था।
जब उन्हें जेल में मिलने वाले खाने के साथ कीड़े मकोड़े भी खाना पढ़ते थे तो चलो आज संजय दत्त के जीवन से जुड़ी कुछ अनसुलझी बातों से आपको रूबरू करवाते हैं। आज संजय दत्त 61 साल के हो चुके हैं लेकिन इसके बाद ही उनका शरीर पहले की तरह ही फिट फाट है। इसका कारण यह भी है कि उन्होंने कभी भी अपनी फिटनेस से समझौता नहीं किया। वे अपने शरीर का खासा ध्यान रखते हैं।
उनके जीवन में कई दौरे से भी आए थे जब नहीं जेल तक में जाना पड़ गया था लेकिन वे जेल के अंदर भी अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान रखते थे। संजय दत्त को शुरू से ही अपने शरीर को लेकर काफी ज्यादा एक्टिव देखा गया और उन्हें हमेशा से ही जिम की आदत रही है लेकिन उनकी जिंदगी ऐसे हालातों से भी गुजरी है जब वह मैं काफी समय तक जेल के अंदर रहना पड़ा था लेकिन ऐसे समय में भी उन्होंने अपने शरीर पर पूरा ध्यान दिया।
एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेता संजय दत्त ने बताया था कि जब वे जेल के अंदर रहते हुए जिम में मुझे दो नए वाले सामान नहीं मिलते थे तो गए जुगाड़ से ही अपना काम कर लिया करते थे उन्होंने बताया कि वह जेल के अंदर वेट लिफ्टिंग के लिए प्रॉपर इक्वप्मेंट्स रूप में वे बाल्टियों को पानी से भर लिया करते थे। इसके बाद बाल्टी उठा उठा कर कसरत किया करते थे। इसके अलावा वे पुशअप्स और साइड भी वह अपनी ही कोठरी में मारा करते थे।
वैसे तो जेल में इतना कुछ करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जाती है। लेकिन संजय दत्त एक जाने-माने नाम थे और उस दौरान उन्हें जान का भी खासा खतरा रहता था जिसको देखते हुए जिलाधिकारी ने उन्हें एक अलग ही जेल में बंद किया हुआ था जहां उन्हें यह सब करने का समय और सादा दोनों मिल जाया करते थे।
वही इंटरव्यू के दौरान अभिनेता ने जेल के अंदर मिलने वाले खाने को लेकर भी बताया था कि वे किस तरह जेल का खाना खाकर भी अपने शरीर को पूरी तरह फिट रख लिया करते थे। उन्होंने बताया कि जब जेल में खाना मिलता था तो राजगीरा नाम की सब्जी बनती थी। इस सब्जी को लेकर अभिनेता का कहना था कि इसे कोई जानवर भी ना खाएं लेकिन उन्हें इसे खाना पड़ता था। इतना ही नहीं खाने में कीड़े मकोडे़ भी होते थे। वे इनको भी प्रोटीन समझ कर खा लिया करते थे।