कहते है पति ही परमेश्वर होता है। एक लड़की अपना सबकुछ छोड़कर अपने पति की हो जाती है और उसके साथ ही अपना पूरा जीवन बिताती है। कहते है शादी के बाद पत्नी ही अपने पति के सुख दुःख की साथी होती है। अक्सर पति पत्नी के ऐसे अनोखे किस्से कई बार अपने देखे और सुने होंगे। एक ऐसा ही किस्सा हम आपको बता रहे है जिसमे एक पत्नी ने अपने पति के निधन के बाद जो किया उसे सुनकर आप भी कहेंगे वाह भाई वाह। जी हां इस पत्नी ने अपने पति की मृत्यु होने के बाद उसका मंदिर बनवा डाला। ये मंदिर जो भी व्यक्ति देखता है वो हैरान रह जाता है। इस महिला के पति की मौत 4 साल पहले हुई थी जिसके बाद इन्होने अपने पति का मंदिर बनाकर उसकी पूजा करनी शुरू करदी।
ये अनोखी कहानी आंध्र प्रदेश की है। जहाँ रहने वाली एक महिला ने प्रकाशम् जिले (Prakasam district) में अपने पति का मंदिर बनवाया है और वह उसकी मूर्ति बनवाकर उसकी पूजा भी करती है। दरअसल अंकिरेड्डी (Gurukula Anki Reddy) नामक शख्स और पद्मावती (Padmavathi) नामक महिला की शादी हुई थी और ये दोनों आपस में क़ाफी हंसी – ख़ुशी अपना जीवनयापन कर रहे थे। लेकिन बदकिस्मती से अंकिरेड्डी की 4 साल पहले एक दुर्घटना में निधन हो गया था। उसके बाद उसकी पत्नी पद्मावती की ज़िन्दगी तो मानो ख़त्म ही हो गयी थी। वक़्त जैसे जैसे बीतता जा रहा था लेकिन उसके बाद भी पद्मावती अपने पति के वियोग से बाहर नहीं निकल पा रही थी। जिसके बाद उसने अपनी पति का मंदिर ही बनवा दिया और अब वो रोज़ यहा अंकिरेड्डी की पूजा करती है।
कई लोगो ने पद्मावती की इस हरकत को पागलपन माना और उसे बहुत सुनाया भी गया। जब पद्मावती से उसके पति के मंदिर बनवाने का कारण पूछा गया तो उसने बताया की उसके पति की मृत्यु होने के कुछ दिनों बाद वो उसके सपने में आया था और सपने में उसके पति ने ये ख्वाहिश बताई थी की वो उसका मंदिर बनवाये। जिसके बाद पद्मावती ने अपने पति की संगमरमर की एक मूर्ति बनवायी।
मूर्ति बनवाने के बाद अब पद्मावती रोज़ उसकी मूर्ति पर हार फूल चढ़ा कर बाकायदा उसकी पूजा भी करती है। उसका मानना है की ऐसा करके उसने अपने पति की आखिरी इच्छा पूरी की हैं। क्योंकि उसका पति चाहता था की उसका एक मंदिर बने। पहले तो उसकी पत्नी ने केवल उसकी मूर्ति ही बनवायी थी,उसके बाद उसने अपने पति अंकिरेड्डी के नाम से पूरा का पूरा मंदिर ही बनवा डाला। अब हर विशेष त्यौहार और अंकिरेड्डी के जन्मदिवस के अवसर पर पद्मावती द्वारा उसकी मूर्ति की पूजा और अभिषेक भी किया जायेगा।