नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज गुरु पर्व और गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर सुबह ही देश को संबोधित किया। सभी देशवासियों को पर्व की शुभकामनाएं देते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच में पिछले डेढ़ साल से मतभेद बना हुआ था लगातार किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए थे और उन्होंने ध्यान रखा था कि इन कानूनों को बिना वापस करवाए वे अपने घर नहीं जाएंगे।
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे किसानों को सही से समझ नहीं पाए उनका कहना है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा ऐसे किसान हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर जमीन है और जो भी लगातार छोटे-छोटे टुकड़ों में बढ़ती जा रही है यही उनकी आधारशिला है और रोजमर्रा का जरिया है इतने ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लगातार किसानों के लिए नई सुविधा मुहैया करवा रही है। ताकि उनकी आमदनी को बढ़ाया जा सके।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से माफी भी मांगी है। उन्होंने गुरुनानक देव किस बड़े पर्व के अवसर पर सभी किसानों को बड़ा तोहफा दिया है और पिछले डेढ़ साल से चल रहे सरकारों के थानों के बीच के मतभेद को आज खत्म कर दिया और तीनों पैसे कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। मिलान करने के बाद से ही चीन बॉर्डर पर किसान किसान आंदोलन कर रहे थे उन सभी को खोल दिए गए। इस बड़े ऐलान के बाद जो किसान लगातार कैसी कानूनों को वापस लेने के लिए लड़ रहे थे उनमें काफी खुशी का माहौल है।
Today is the Parkash Purab of Sri Guru Nanak Dev Ji. Today PM will inaugurate key schemes relating to irrigation in Mahoba, Uttar Pradesh. Then, he will go to Jhansi for the ‘Rashtra Raksha Samparpan Parv.’ Before all of these programmes, he will address the nation at 9 AM: PMO pic.twitter.com/95Qdf1D22Y
— ANI (@ANI) November 19, 2021
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों को किसानों ने काला कानून बताया था और यह उनकी आमदनी पर बड़ा घाटे का भी उन्होंने कानून बताया था। ऐसे में किसान इन्हें वापस लेने के लिए डटे हुए थे। इतना ही नहीं इस दौरान कई बार देखा गया कि सरकार हो किसानों के बीच में कई बार मीटिंग भी हुई। लेकिन दोनों के बीच में कानूनों को लेकर सहमति नहीं बन पाई आखिरकार किसानों ने यहां सरकार को साफ तौर पर कह दिया था कि वे बिना कृषि कानून को वापस करवाए अपने घर नहीं जाएंगे। साल 2020 के दौरान इनका से कानूनों को पास किया गया था।