Shardiya Navratri 2023 : हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का बहुत ही ज्यादा महत्व देखने को मिलता है। इस दौरान लोग धूमधाम से पूजा करते हैं और माता रानी को प्रसन्न करने के सभी उपाय करते हैं। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल प्रतिपदा तिथि से की जाती है।
इस साल 15 अक्टूबर दिन रविवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी। इस दौरान लोग माता रानी को खुश करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं और साथ ही पूजा पाठ करते हैं। नवरात्रि में माता रानी का पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए वरना आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
इस दिशा में ही स्थापित करें Shardiya Navratri 2023 प्रतिमा
हिंदू वास्तु शास्त्र में हर चीज को स्थापित करने के लिए एक सही दिशा का वर्णन देखने को मिलता है। ठीक है सितारा माता रानी की प्रतिमा को भी स्थापित करने के लिए एक सही दिशा होती है। मां दुर्गा की प्रतिमा को उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करनी चाहिए क्योंकि यह शुभ माना जाता है।
जानिए किस दिशा में स्थापित करना चाहिए कलश –
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ आपको हल्दी और चुना से स्वास्तिक बनाना चाहिए। ईशान कोण को देवी देवताओं का कोड माना जाता है इसलिए नवरात्रि में कलश का स्थापना इसान कोण पर किया जाना चाहिए।
जानिए क्या होता है अखंड ज्योत के लिए सही दिशा
कहा जाता है क्या अखंड ज्योत जलाने से सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है इसलिए नवरात्रि में अखंड ज्योत का विशेष महत्व है। नवरात्रि में आप अगर अखंड ज्योत जलाते हैं तो आपको अखंड ज्योत आग्नेय कोण पर जलाना चाहिए।
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पूजा पाठ करते समय सभी बातों का ख्याल रखना चाहिए वरना माता रानी नाराज हो जाती है। अखंड ज्योत कैसे बिहार में पूछना नहीं चाहिए क्योंकि अखंड ज्योत का बुझना काफी अशुभ माना जाता है।