Bogi & Coach Difference : जब हम रिजर्वेशन टिकट करा कर ट्रेन में सफर करते हैं तो स्टेशन पहुंचने के बाद सबसे पहले अपनी सीट वाला कोच ढूंढते हैं। कुछ लोगों को कहते हैं आपने सुना होगा कि मैं ट्रेन में बैठा हूं, वहीं कुछ लोग कहते हैं कि मैं फला नंबर के कोच में बैठा हूं। क्या ट्रेन की बोगी और कोच दोनों एक ही चीज होते हैं?
बता दे कि जो लोग कहते हैं कि मैं फला बोगी में बैठा हूं वह बहुत ही गलत बोलते हैं। क्योंकि आप ट्रेन की बोगी में बैठकर सफर बिल्कुल नहीं कर सकते। दरअसल बोगी ट्रेन का एक पार्ट होता है और कुछ इसी पर टिका रहता है।
साधारण शब्दों में समझे Bogi & Coach Difference
ट्रेन के पहियो वाला हिस्सा बोगी होता है और इसमें चार पहिए एक दूसरे एक्सेल की मदद से जुड़े रहते हैं। एक कोच में दो बोगी और आठ पहिए लगे होते हैं। ट्रेन के ब्रेक भी बगियों में फिट की जाती है और बोगी में लगे हुए हर पहिए पर ब्रेक फिट होती है ताकि पूरी ट्रेन को समान रूप से रोका जा सके।
ट्रेन के चलने पर लोगों को हिचकोले ना लगे इसके लिए ट्रेन में स्प्रिंग फिट किया जाता है। यह स्प्रिंग काफी मोटी होती है ताकि ट्रेन जब तेज रफ्तार से चले तो लोगों को ज्यादा झटका ना लगे और यह स्प्रिंग झटका सह सके।
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ट्रेन के जिस डिब्बे में बैठकर यात्री सफर करते हैं उसे कार या कोच कहा जाता है। यह अलग-अलग क्लास की होती है और सभी में ऐसी और नॉन एसी सुविधा दी जाती है।