आज देश में ऐसी बहुत सी महिलाएं मौजूद है जिन्होंने अपने जीवन में काफी कुछ बड़ा करने की सोच रखी थी। लेकिन ये महिलाएं ऐसे सिरफिरे लोगों का शिकार हो गई जिसकी वजह से उन्हें अब अपनी जिंदगी घुट-घुट कर जीना पड़ रही है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं एसिड अटैक सर्वाइवर की जिनका जीवन 2 मिनट में ही कहां से कहां पहुंच चुका है। जिसका अनुमान उन्होंने भी कभी नहीं लगाया था।

अपने जीवन में इतने बड़े हादसे को सुनने के बाद भी आज एसिड अटैक सर्वाइवर महिलाएं अपने अंदर काफी जुनून और जज्बात के साथ लगातार आगे बढ़ रही है। बता दें कि अब देश में एसिड अटैक सर्वाइवर महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई तरह के कदम भी उठाए जा रहे हैं। जिसका एक उदाहरण हाल ही में नोएडा से सामने आया है।
जहां पर पहला सर्वाइवर कैफे खुल गया है। जहां पर एसिड अटैक सर्वाइवर महिला ही काम करती हुई नजर आने वाली है। बता दें कि यहां बड़ी उपलब्धि मिलने के बाद इन महिलाओं में काफी खुशी का माहौल है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि इस तरह के काम से वे अपने परिवार हाथ बटा सकेगी और अपने जीवन में कुछ अच्छा करने की सोच रखने के चलते वे और भी आगे बढ़ सकेंगी।

बता दें कि यह नई शुरुआत उन लोगों के मुंह पर पड़ा तमाचा है। जिन्होंने अपनी सनक और घुस्से के चलते इन महिलाओं की जीती जागती जिंदगी को छीन लिया। बड़ी बात यह है कि सर्वाइवर कैफे को एसिड अटैक का शिकार हो चुकी महिलाएं संचालित करती हुई नजर आएंगी और इस नई पहल से उन्हें उनके जीवन में आगे बढ़ने का लक्ष्य मिलने के साथ ही वे और भी मजबूत हो जाएंगी।
इस नई शुरुआत के बारे में रितु का कहना है कि इससे उन्हें अपने जीवन में आगे के लक्ष्य प्राप्त करने का हौसला मिलेगा। इस काम से कुछ पैसे जुटाकर में अपने परिवार का भी हाथ बटा सकेंगी। मिली जानकारी के अनुसार अभी इस कैफे में केवल चार ही लोगों को काम मिला है। लेकिन जैसे-जैसे इसकी जरूरत होगी वैसे ही काम मिलना चालू हो जाएगा।

वहीं इस बारे में रूपा का कहना है कि पहले वे घर के बाहर नहीं निकल पाती थी लेकिन इस नई शुरुआत के बाद से खुले आसमान में जीना और अच्छे से सीख जाएंगी। वहीं इनकी मदद करने वाले संस्था छांव फाउंडेशन के आलोक दिक्षित का कहना है कि वह एसिड अटैक सरवाइवर को आम लोगों की तरह जिंदगी जीना के लिए लगातार प्रेरित कर रही है।
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी इस बारे में कहना है कि उनकी ओर से एसिड अटैक सरवाइवर के लिए एक छोटा सा प्रयास किया गया है और उन्हें कैफे खोलने के लिए जगह मुहैया करवाई है। हालांकि अभी यहां पर केवल 4 लोग ही काम कर सकेंगे लेकिन आने वाले समय में इनका विस्तार और ज्यादा किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम मिल सके। खबरों की माने तो अभी दो कैफे को चालू किया गया है।