Who is Gauri Sawant : बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन इन दिनों अपने पोस्टर के लिए काफी ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसमें वार्ड ट्रांसजेंडर के रूप में नजर आ रही है। इस दौरान उन्होंने अपने माथे पर बढ़ा सकती है और ताली बजाते हुए नजर आई है। उनका यह पोस्टर सामने आने के बाद से ही हर तरफ उनकी चर्चाएं हो रही है। बता दें कि यह उनकी आने वाली सीरीज का हिस्सा है जो कि ट्रांसजेंडर गौरी सावंत के जीवन पर आधारित है।
बता दें कि गौरी सावंत आज बेसहारा महिला और बच्चों के लिए बड़ा सहारा बनी है उनका एनजीओ भी चलता है। इतना ही नहीं किन्नर समुदाय के लिए भी गौरी सावंत काफी कार्य कर रही है। वहां कौन बनेगा करोड़पति में महानायक अमिताभ बच्चन के सामने भी अपनी कहानी सुना चुकी है। उन्होंने कुछ समय पहले ही विक्स के एक विज्ञापन में काम किया था। जिसके बाद वह और ज्यादा चर्चाओं में आ गई थी।
ट्रांसजेंडर गौरी सावंत है कौन?
लेकिन सुष्मिता सेन का पोस्टर सामने आने के बाद से ही लोगों के बीच में गोरी सावंत को लेकर काफी ज्यादा उत्सुकता पैदा हो गई और लोगों से हर एक जानकारियों को जानने में लगे हुए हैं तो चलो आपको बताते हैं कि ट्रांसजेंडर गौरी सावंत है कौन? गौरी सावंत मुंबई में एक मराठा परिवार में पैदा हुई थी। आज उनकी उम्र 36 साल है और अपने सामाजिक कार्य के लिए जानी जाती है।
अब तक वह सैकड़ों बेसहारा बच्चों और महिलाओं के लिए सहारा बनी है। लेकिन वह अपने जीवन में काफी परेशानी झेल चुकी हैं। एक ट्रांसजेंडर होने के चलते उन्हें अपने परिवार से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा खास करके उनके पिता से उनके पिता पुलिस ऑफिसर थे। इतना ही नहीं जन्म के बाद गौरी का नाम गणेश नंदन रखा था। वे अपने पिता से बात नहीं कर पाई इस वजह से उन्होंने अपने घर को छोड़ दिया था।
पिता ने किया था जिंदा रहते अंतिम संस्कार
इसके बाद उन्होंने ठाना की वे हर भागे हुएट्रांसजेंडर के लिए सहारा बनेगी तो उन्होंने एक ‘सखी चार चौगी’ के नाम से आश्रम चालू किया है। जो कि मलवाणी में मौजूद है। गौरी सावंत ने अपने जीवन में काफी संघर्ष को झेला है उन्हें अपने परिवार की तरफ से भी कोई सपोर्ट नहीं मिला उनके घर से भाग जाने के बाद उनके पिता इतने ज्यादा नाराज हो गए हैं कि उन्होंने उनके जिंदा रहते हुए भी उन्हें मार दिया था।
इतना ही नहीं उनके पिता ने उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया और सबको कह दिया था कि वहां उनके लिए अब इस दुनिया से जा चुकी है। ऐसे में गौरी सावंत ने अपनी दुनिया खुद बनाई हो इस तरह से परेशानी जुड़े ट्रांसजेंडर के लिए बड़ा सहारा बनी हुई है। इतना ही नहीं उन्होंने ट्रांसजेंडर को कानून में लाने के लिए हलफनामा भी दायर किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को कानूनी पहचान दी। गौरी सावंत आज समाज खास करके ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बड़ी मिसाल है।