VLCC फेमिना मिस इंडिया 2020 का बुधवार को मुंबई में आयोजन किया गया। वहीं इस दौरान वर्ष की विजेता और उपविजेता के नाम की घोषणा की गई। जहां VLCC फेमिना मिस इंडिया 2020 का ताज हैदराबाद की मानसा वाराणसी के सर सजा तो। तो वहीं मान्या सिंह और मनिका शियोकांड फर्स्ट व सेकेंड रनर अप रहीं।
लेकिन इस प्रतियोगिता में फर्स्ट रनरअप रही यूपी की मान्या सिंह की कहानी सुन आपकी आंखें भी नम हो जाएगी। बता दें कि मान्य बहुत ही साधारण परिवार से आती है। उनके पिता एक रिक्शा चालक है। लेकिन मान्य ने कभी हार नहीं मानी और अपने मुकाम पर पहुंचने के लिए मेहनत कर आज करोड़ो युवाओं के लिए प्रेरणा बनी है। चाहे मान्या फर्स्ट रनरअप रही हो लेकिन आज उन्होंने सभी भारतीयों का दिल जीत लिया है।
वहीं इतने बड़े मुकाम को हासिल करने के बाद वे सोशल मीडिया पर भी खूब छाई हुई है। मान्या के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें वह अपने मम्मी के पैर छूते नजर आ रही हैं। साथ ही वीडियो में वे पापा को गले लगाते हुए दिखाई दे रही हैं।
संघर्षों से भरा रहा पूरा सफर
मान्या ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ”मेरा मेहनत, पसीना और आंसू मेरी आत्मा के लिए खाना बने और मैंने सपने देखने की हिम्मत जुटाई. मैंने कम उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर दिया था. जो भी कपड़े मेरे पास थे, दूसरों के दिए हुए थे। मुझे किताबें चाहिए थीं लेकिन वो मेरी किस्मत में बनी थीं।”
मान्या ने बताया, ”बाद में मेरे मां-बाप ने जो भी जेवर हमारे पास थे, उन्हें बेचकर मुझे पढ़ाया। उत्तर प्रदेश में महिला होने आसान नहीं होता और मेरी मां ने शारीरिक और मानसिक दोनों ही तौर पर बहुत कुछ सहा है। उत्तर प्रदेश वैसे भी महिलाओं के लिए पिछड़ा और असुरक्षित राज्य माना जाता है।”
14 की उम्र में छोड़ दिया था घर
अपनी प्रेरणादायक अनुभव को शेयर करते हुए मान्या सिंह ने कहा, ”14 साल की उम्र में सबकुछ छोड़कर भाग गई थी. मैं दिन में किसी तरह पढ़ती थी, शाम को बर्तन धोने का काम करती थी और रात को कॉल सेंटर में काम करती थी। मैंने ट्रेनों के वॉशरूम में खुद को साफ किया है और रिक्शे के पैसे बचाने के लिए घंटों पैदल चली हूं।”
मान्या ने आगे कहा, ”मैंने अपने पिता, मां और भाई की स्थिति ठीक करने के लिए बहुत कुछ किया है और आज मैं यहां हूं, दुनिया को दिखाने के लिए कि आप ठान लो तो कुछ भी कर सकते हो।” मान्या के जीवन में इतनी कठिनाई होती हुई भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज वे करोड़ो लोगों के लिए प्रेरणा बनी है। मन में ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं।