हम जिस देश में रहते हैं वह संस्कृतियों वाला देश जहां हर देवी देवताओं के विशाल मंदिर का निर्माण किया गया है और उन में भगवान की प्रतिमा को विराजमान किया गया है। जिसकी पूरी श्रद्धा भक्ति और नियम के साथ पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन आज हम एक ऐसे शख्स की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी पत्नी के दुनिया से चले जाने के बाद उनकी याद में मंदिर का निर्माण किया है।
इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पत्नी की बड़ी सी मूर्ति भी बनवाई है जिसे विराजमान किया है साथ ही वे इसकी नियमित रूप से पूजा भी करते हैं। हर पति पत्नी शादी के समय सात फेरों के साथ सात जन्मो तक एक दूसरे का साथ देने का वादा करते हैं। लेकिन यहां प्रकृति का नियम है जो इंसान आया है उसे एक ना एक दिन भगवान के पास जरूर जाना है। लेकिन अपने प्यार और अपने जीवन साथी के इस तरह चले जाने के बाद बहुत से लोग उनकी याद में बहुत कुछ किया करते हैं।
यह मामला है मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक गांव का जहां रहने वाले नारायण सिंह राठौर और उनके परिवार वालों ने मिलकर उनकी धर्मपत्नी गीताबाई का मंदिर बनवाया है। जिसकी नियमित रूप से पूजा भी की जाती है। पत्नी की मूर्ति को मंदिर में विराजमान किया है उसे रोजाना नई साड़ी भी पहनाई जाती है। बताया जाता है कि कोरोना के ग्रह अस्त होने के चलते गीता बाई का निधन हो गया था। जिसके बाद परिवार वालों ने उनके लिए यह बड़ा कार्य किया है।
गीताबाई राठौर से सभी परिवार वाले काफी ज्यादा प्यार करते थे और उनके इस तरह कोरोना हो जाने के बाद सभी परिवार वालों ने उनके एक मंदिर निर्माण करने की योजना बनाई जिसके बाद मंदिर का निर्माण किया गया और गीताबाई की एक प्रतिमा बनवाई गई जिसकी नियमित रूप से अब पूजा की जाती है, और उन्हें नई-नई साड़ी भी पहन आ ही जाती है। परिवार द्वारा किए गए इस कार्य की काफी ज्यादा सराहना हो रही है।