औरंगाबाद : बदलते समय के साथ जहां लोगों का रहन-सहन का तरीका बदला है। वहीं अब देश का अन्नदाता भी तेजी से कृषि क्षेत्रों में सुधार कर रहा है। जहां पहले किसानों को संसाधन की कमी होने के कारण जुताई में खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। वहीं अब समय के साथ तकनीकी का उपयोग करते हुए किसान अच्छी जुताई और बढ़िया किस्म की खेती करके अच्छीआमदनी निकाल लेते हैं।
आज बाजार में खेतों में उगने वाली कई तरह की सब्जियां मौजूद हैं। लेकिन क्या आपको पता है बिहार में इन दिनों एक ऐसी सब्जी की खेती की जा रही है जिसकी कीमत सुन चौक जाओगे आप, बता दें कि इसकी कीमत 82 हजार रुपए किलो है। इसे दुनिया की सबसे महंगी सब्जी कहा जाता है। जी हां इससे पहले आपने कभी इतनी महेंगी सब्जी के बारे में नहीं सुना होगा।
दरअसल, औरंगाबाद में एक किसान विश्व की सबसे महंगी सब्जी की खेती कर रहा है। आज हम बताते हैं इस अनोखी सब्जी के बारे में इसका नाम हॉप शूट्स (Hop Shoots) जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 1 हजार यूरो यानी 82 हजार रुपए है। जो एक ही बार में किसानों की किस्मत चमका सकती है। खेर आपके मन में सवार भी आता होगा आखिर इस सब्जी में ऐसा क्या है। जो ये इतनी महेंगी है और किसी आम स्टोर हो या बाजार आसानी से नहीं दिखाई देता।
इस सब्जी पर रिसर्च औरंगाबाद के किसान अमरेश कुमार सिंह खेत पर किया जा रहा है। नवीनगर प्रखंड के करमडीह गांव में इसकी खेती हो रही है। अमरेश के मुताबिक भारतीय सब्जी अनुसंधान वाराणसी के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर लाल की देखरेख में 5 कट्ठा जमीन पर इसकी ट्रायल खेती की गई है। 2 महीने पहले इसका पौधा लगाया गया था जो अब धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है।
कहां होता है इस सब्जी का उपयोग
हॉप शूट्स सब्जी बाजार में उपल्बध नहीं होती है। इसका इस्तेमाल एंटीबॉयोटिक दवाओं को बनाने में होता है। TB के इलाज में हॉप शूट्स से बनी दवा कारगर साबित होती है। इसके फूलों का इस्तेमाल Beer बनाने के काम में किया जाता है। इसके फूलों को हॉप कोन्स कहते हैं। बाकी टहनियों का उपयोग खाने में किया जाता है। इससे आचार भी बनता है, जो काफी महंगा बिकता है।
यूरोपीय देशों में हैं इस सब्जी की डिमांड
यूरोपीय देशों में इसकी खेती काफी की जाती है। ब्रिटेन और जर्मनी में लोग इसे काफी पसंद करते हैं। आप इस सब्जी की जुताई वसंत का मौसम कर सकते हैं। भारत सरकार इन दिनों इस सब्जी की खेती पर वैज्ञानिक रिसर्च करा रही है। वाराणसी स्थित सब्जी अनुसंधान संस्थान में इसकी खेती पर काफी काम चल रहा है। यदि यह रिसर्च सफल होता है तो किसानों की किस्मत चमक सकती हैं।