नए वर्ष 2020 को लगे काफ़ी दिन हो गए हैं, इससे पिछले वर्ष 2019 को देखा जाए तो उसमें मोदी सरकार द्वारा कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जिनको लेकर देश में काफी हिंसा भी हुई है और लगातार हिंसा जारी है। दिल्ली में लगातार मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अब अगर 2020 को लेकर सोचा जाए तो बताया जा रहा है कि, इस साल में भी मोदी सरकार द्वारा कई बड़े फैसले लिए जाएंगेे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिए इसके स्पष्ट संकेत भी दे दिए हैं कि आने वाला वर्ष उनके लिए राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का वर्ष रहेगा। 2020 भारत की उम्मीदों को पूरा करने का वर्ष है। हमने तय किया था कि वर्ष 2020 तक हम भारत से गरीबी खत्म कर देगें और हर व्यक्ति को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा देंगे, लेकिन, अब यह मजाक सा लगता है। भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा खो चुकी है। उम्मीदों से भरा भारत आज सुस्ती और मंदी के बीच में कहीं खड़ा है। 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव की कहानी को प्रधानमंत्री के बयान से ही शुरू करते हैं।
आज भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के मुहाने पर खड़ी है। जीडीपी ग्रोथ रेट अपने 6 साल के निचले स्तर पर है। बेरोजगारी दर पर 45 साल के उच्च स्तर पर है। सरकार फिर भी कहती है कि वह 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बना देगी। लेकिन क्या यह 4.5 फ़ीसदी की जीडीपी दर से संभव है? इस साल मोदी सरकार द्वारा निर्णय देश से घुसपैठियों को हटाने की घोषणा हो सकती है। क्योंकि कई बार मोदी सरकार ने ऐसा कहा है। इसलिए सरकार ने NRC, CAA कानून बनाया है। इसका उद्देश्य देश में रह रहे घुसपैठियों को बाहर करना है।
2020 का पीएम मोदी द्वारा दूसरा निर्णय एक देश, एक कानून या एक देश एक चुनाव हो सकता है। कई बार इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार चर्चा में रही हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वयं संघ भी देश के सभी नागरिकों के लिए एक कानून चाहता है। साथ ही मोदी सरकार 2020 में बेनामी संपत्ति पर बड़े फैसले ले सकती है। संपत्ति के आधार को जोड़ने के लिए सरकार कानून ला सकती है। यदि ऐसा होता है, तो बेनामी संपत्ति उजागर हो जाएगी।