एक आम इंसान रातों-रात अरबपति केवल सपने में ही बन सकता है हकीकत में यह होना लगभग असंभव ही माना जाता है। लेकिन यदि हम कहे कि ऐसा संभव हो सकता है तो हर कोई सोच में पड़ जाएगा। लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल में एक ऐसे ही सख्त की रातो रात अरबपति बनने की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप को भी काफी ज्यादा हैरानी होगी। दरअसल, केरल के कोच्चि के रहने वाले बाबू जॉर्ज वालावी के साथ कुछ ऐसा हुआ है कि आज वे चर्चाओं में हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बाबू जॉर्ज वालावी ने साल 1978 में मेवाड़ ऑयल एंड जनरल मिल्स लिमिटेड के 3500 शेयर्स खरीदे थे। लेकिन आपने पहले कभी ऐसा सुना है कि कोई व्यक्ति पैसे लगाकर भूल गया हो। लेकिन इस मामले में ऐसा ही हुआ बाबू जॉर्ज इन शेयर को खरीद कर भूल गए। अब उनके 43 साल पहले खरीदे शेयर की कीमत तकरीबन 1448 करोड़ रुपए हो गई है। जिसकी उन्होंने ने भी कभी कल्पना नहीं कि थी।
जब आप बाबू जॉर्ज इतने ज्यादा पैसों के मालिक बन रहे हैं तो कंपनी उन्हें पैसा देने से इंकार कर रही है। उन्हें कई तरह के बहाने बनाकर कंपनी आनाकानी कर रही है इसके बाद उन्होंने सेबी की शरण ली है। जिससे उनको काफी ज्यादा उम्मीदें हैं। बाबू ने इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने जिस समय शेयर खरीदें थे। उस समय कंपनी के चेयरमैन पीपी सिंघल उनके काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे और उन्होंने जिस समय शेयर खरीदे थे उस समय हमें ज्यादा मात्रा में कोई डॉक्यूमेंटेशन भी नहीं दिए गए इसकी वजह से वह इन शेयर को खरीद कर भूल गए थे।
बाबू ने यह भी जानकारी दी है कि जब उन्होंने 43 साल पहले कंपनी के शेयर खरीदे थे उस समय कंपनी सूचीबद्ध नहीं की लेकिन जब उन्हें 2015 में अपने इस निवेश के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने पुराना रिकॉर्ड उठाकर देखा तो आप कंपनी का नाम बदलकर सूचीबद्ध और पीआई इंडस्ट्रीज रख दिया गया है। वही जब वे कई करोड़ों रुपए के शेयर के मालिक हो चुके हैं तो ऐसे में यह भी मामला सामने आया है कि बाबू से साल 1989 के दौरान ही किसी तरह के पेपर पर साइन करवा कर उनके शेयर किसी और को बेच दिए गए।
मिली जानकारी के अनुसार कंपनी के अफसरों द्वारा बाबू से भी मिला गया और उनके पास मौजूद सभी दस्तावेजों की जानकारी भी इन अधिकारियों द्वारा ली गई वहीं खबर यह भी है कि कंपनी द्वारा कहा गया है कि बाबू के पास मौजूद कागजात सही है लेकिन अब बाबू का कहना है कि इसके बाद भी उन्हें उनके शेयर के पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। वही पिछले काफी समय से बाबू अपनी इन पैसों के लिए कंपनी के चक्कर काट रहे हैं।