श्री कृष्ण जन्मोत्सव स्पेशल: सुख-समृद्धि के साथ कर्ज से ऐसे मिलेगी मुक्ति, आपको करना होगा ये उपाय

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भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 30 अगस्त यानी सोमवार को मनाया जायेगा। श्री हरि विष्णु का अवतार भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाने के लिए प्रतिवर्ष लोग अनेक तरह की तैयारियां करते हैं। महोत्सव के रूप में दिन को मनाया जाता है। कहा जाता है कि जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ था तब कई संघर्ष करने के बाद भगवान श्री कृष्ण धरती पर अवतार के रूप में आए थे। आज भी इस दिन का लोगों को बेसब्री से इंतजार होता है। लोग घरों में तरह-तरह की साज-सज्जा करते हैं।

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Krishna Janmashtami 2021

भगवान श्री कृष्ण के नवीन वस्त्र उनकी पगड़ी बांसुरी चूड़ियां तिलक और अभिषेक करके उनके जन्म उत्सव को हर्षोल्लास से मनाते हैं। कई लोग अपने घर में बरकत को बढ़ाने समस्याओं को खत्म करने आर्थिक तौर पर संपन्न करने के लिए कई तरह के पूजन का आयोजन करते हैं। कई ज्योतिषाचार्य का मानना है कि श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन कुछ विशेष प्रकार के पूजन नियम करके भगवान की विशेष आराधना करके कई समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि किस तरह से लोग इस पूजन का लाभ उठा सकते हैं और खुद को स्वस्थ और संपन्न बना सकते हैं।

सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति घर पर लेकर आए जिसमें गाय का बछड़ा स्वयं श्री कृष्ण के साथ हो। कहा जाता है भगवान श्री कृष्ण के साथ गाय और बछड़े की मूर्ति यदि घर लाई जाती है तो घर में आर्थिक रूप से सुधार आता है, संपन्नता आती है, संतान प्राप्ति के लिए यह एक कारगर उपाय है। जिन घरों में संतान प्राप्ति के लिए कई प्रयास किए जाते हैं उनके लिए यह एक विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर उनका विशेष पूजन और आराधना करने से गाय और बछड़े का भगवान श्री कृष्ण के साथ घर में आगमन संतान प्राप्ति के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होता है स्वयं भगवान श्रीकृष्ण उस घर में अपनी एक छवि निर्मित करते हैं।

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आर्थिक रूप से संपन्नता का विशेष महत्व जन्माष्टमी के दिन मनाया जाता है। पड़ित का कहना है इस दिन माता तुलसी का पूजन कर ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करने से विशेष आशीर्वाद श्री कृष्ण द्वारा अपने भक्तों को दिया जाता है। यहां याद रहे कि तुलसी पूजन के पश्चात परिक्रमा करना अनिवार्य है। भगवान श्री कृष्ण की महिमा का एक सत्य उदाहरण तुलसी पूजन के जरिए लोग प्रतिवर्ष करते हैं और कर्ज मुक्ति के लिए यह अत्यधिक लाभकारी है तो श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दिन तुलसी पूजन का विशेष तौर पर पूजन करना अनिवार्य माना गया है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 5 कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाई जाती है और लगातार इसे पांच शुक्रवार तक करना अनिवार्य है। माना जाता है यह आमदनी बढ़ाने के लिए एक कारगर तरीका सिद्ध हुआ है।

वहीं दूध को चरणामृत में एक प्रतीक माना गया है। भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक भी सर्वप्रथम दूध से स्नान कराकर ही किया जाता है क्योंकि यह अभिषेक के तौर पर पंच आधार अभिषेक माना जाता है जो शुद्धिकरण के लिए सर्वप्रथम प्रयोग में लाया जाता है आ जाता है। जन्माष्टमी के दिन दूध, दही, घी, शहद, शकर अभिषेक कर भगवान का शुद्धिकरण किया जाता है। ज्योतिषाचार्य का कहना है दूध में केसर मिलाकर भोग लगाने से व्यापार धन धान से भरपूर होता है कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा शंख में दूध से श्री कृष्ण का अभिषेक करने से भी विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

वहीं श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मथुरा हो, चाहे वृंदावन हो श्री कृष्ण का जन्मोत्सव प्रति वर्ष इसी उत्साह से मनाया जाता है। फिलहाल कोरोना के चलते कई सावधानियां स्वयं भक्तों द्वारा अपनाई जाती हैं। लेकिन श्री कृष्ण के भक्त उनके जन्मोत्सव को प्रतिवर्ष इसी हर्षोल्लास से मनाते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर आप सभी की मनोकामनाएं को भी भगवान श्री कृष्ण पूरा करें इसी कामना के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।


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