आईएनएक्स मीडिया मामले में गुरुवार को अदालत में अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सीबीआई ने आरोप लगाया कि पी. चिदंबरम ने गंभीर आर्थिक अपराध को अंजाम दिया
है। इससे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
हालांकि, बचाव पक्ष ने इन आरापों को सिरे से खारिज कर दिया। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार की अदालत में दोपहर बाद चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने को लेकर सुनवाई शुरू हुई।
सीबीआई की ओर से जहां सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पैरवी कर रहे थे, वहीं चिदंबरम का बचाव वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने किया। तुषार मेहता ने चिदंबरम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। विदेशी बैंकों पर उनका काफी नियंत्रण है। अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो विदेशों को भेजे अनुरोध पत्र पर सहयोग की उम्मीद करना बेमानी होगा।
बचाव पक्ष के वकील सिब्बल ने विरोध जताया
उन्होंने कहा कि चिदंबरम ईडी के समक्ष आत्मसमर्पण करने को तैयार हैं। फिर उनकी रिहाई की बात कहां आती है। सिब्बल ने तर्क दिया कि वह जेल नहीं भेजने की बात कर रहे हैं। जांच एजेंसियों
से बचना उनका मकसद नहीं है।
नए वीआईपी मेहमानः चिदंबरम
तिहाड़ जेल के नए वीआईपी मेहमान बने हैं। उन्हें सात नंबर जेल में अलग सेल में रखा गया है। जेल अधिकारियों का कहना है कि चिदंबरम की सुरक्षा को लेकर उनकी सेल के आसपास 24 घंटे जेल सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे। जेल अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम देर शाम यहां पहुंचे और उन्हें सीधे 7 नंबर जेल में ले जाया गया। उनके पुत्र कार्ति को भी पिछले साल इस मामले में उसी
कोठरी में 12 दिनों तक रखा गया था।
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एयरसेल-मैक्सिस केस में चिदंबरम को जमानत
एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को दिल्ली की एक अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई है। अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत देते हुए मामले की जांच में सहयोग करने और फिलहाल देश से बाहर न जाने का निर्देश दिया है।
विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी की अदालत ने गुरुवार को अपने आदेश में कहा कि आरोपियों द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़, किसी गवाह को धमकी देने या न्याय से भागने की कोई संभावना नजर नहीं आती है। अदालत ने चिदंबरम व कार्ति को एक लाख के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती के आधार पर सशर्त जमानत दे दी।