कोरोना की वजह से पिछले 1 साल से जुए की तरह रेंग रहे व्यापार ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है। लेकिन इस तेजी के साथ ही आम जनता की जेब भी काफी तेजी से ढीली होती जा रही है। बता दें कि कोरोना के बाद आम जनता की जेब पर भारी असर पड़ रहा है, हर चीज पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा महंगी हो गई है और लोगों की आमदनी उतनी ही है ऐसे में बात यदि घर बनाने की हो तो यह भी अब आसान नहीं होने वाला है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब घर बनाने के लिए मोटी रकम खर्च करना पड़ रहा है। क्योंकि काफी लंबे समय से बंद पड़े व्यापार अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे हैं ऐसे में महंगाई भी तेजी से बढ़ रही है जिस सामान की कीमत पहले 50 रुपए हुआ करती थी आज वह 100 रुपए से ज्यादा में मिल रही है। ऐसे में मकान बनाने की लागत में भी पहले की अपेक्षा ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं अब हाल ही में क्रेशर एसोसिएशन द्वारा भी डस्टर बिल्डिंग मटेरियल के भी दाम पहले अपेक्षा ज्यादा कर दिए हैं।
इसके बाद से ही डंपर के माध्यम से आने वाले माल का दाम तेजी से बढ़ गया है। अब जनता को पहले की अपेक्षा एक डंपर पर तकरीबन 800 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे। जहां पहले 400 वर्गफीट का किट्टी से भरा एक डंपर 9600 रुपए में आया करता था। उसका दाम अब क्रेशर एसोसिएशन द्वारा जारी किए गए नए दामों के बाद 10400 रुपए हो गया है। जिससे आप समझ सकते हैं कि अब एकदम पर पर सीधा 800 रुपए ज्यादा चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में मध्यम वर्गीय इंसान के लिए घर बनाना काफी ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है।
कोरोना के दौरान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई क्रेशर मशीन बंद हो गई थी लेकिन अब धीरे-धीरे इन्हें चालू कर दिया गया है। लेकिन पहले की अपेक्षा अब सभी चीजों में क्रेशर मशीन वालों को भी मोटी रकम खर्च करना पड़ रही है। जहां पहले डीजल के दाम भी कम हुआ करते थे। लेकिन अब डीजल के दाम लगभग 100 पहुंच गया है। इतना ही नहीं मजदूरी भी अब पहले की अपेक्षा ज्यादा बढ़ गई है, और जीएसटी भी सभी खर्च मिलाकर क्रेशर वालों को भी पहले की अपेक्षा ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। जिसके चलते क्रेशर एसोसिएशन द्वारा यह कदम उठाया गया है।