National Cinema Day : तेजी से बदलते समय के साथ हर एक चीज बदलती जा रही है और पुरानी सभ्यता और विरासत धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि एक जमाना ऐसा था। जब सिनेमा को लेकर लोगों के बीच में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता था। लेकिन आज का दौर डिजिटल का है जिसमें कहीं ना कहीं सिनेमा गुम होता जा रहा है।
आज इंटरटेनमेंट के लिए सिनेमा हॉल के साथ बहुत से ऐसे प्लेटफार्म है। जो आपको आसानी से घर पर ही इंटरटेनमेंट का मजा दे देते हैं। ऐसे में वहां पुराने दिन धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। एक समय ऐसा था जब सिनेमाघरों के बाहर टिकट खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलती है। लोग ब्लैक में भी टिकट खरीद के अपने पसंदीदा कलाकार की फिल्मों को देखते हैं।
पहले मात्र इतने में मिलती थी टिकट
लेकिन आज के समय में डिजिटल का दौर है तो घर से ही आसानी से टिकट को कर लिया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं। आज के दिन 23 सितंबर को सिनेमा डे के रूप में मनाया जाता है। आज हम आपको बताते हैं ऐसा दौर भी था। जब सिनेमाघरों की टिकट केवल ₹2 में मिला करती थी। आज ऐसे मल्टीप्लेक्स और बड़े-बड़े सिनेमा हॉल बन चुके हैं कि उनकी कीमत 500 से लेकर 1000 तक होती है।
सिनेमा के इतिहास की बात की जाए तो यह काफी पुराना है और जिसमें भारतीय सिनेमा की बात की जाए तो एक दौर ऐसा था जब 2 में टिकट मिला करती थी। फिल्म मुगल ए आजम में आपने मधुबाला और दिलीप कुमार को देखा ही होगा। यह फिल्म इतनी ज्यादा पॉपुलर हुई कि सिनेमाघर के बाहर हमेशा ही इस फिल्म को देखने के लिए बड़ी मात्रा में लोग टिकट खरीदने के लिए लगाए रहते थे इस समय टिकट की कीमत ₹2 थी।
कैसे देख सकेंगे 75 रुपए में फिल्म
इसके अलावा भी बहुत से पुरानी फिल्में ऐसी है जिन को देखने के लिए लोग सिनेमाघरों की ओर खिंचे चले आते हैं, पहले बहुत कम ही सिनेमा हॉल देखने को मिलते थे। बता दें कि पहले मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमाघर का नाम ताकि ज्यादा चर्चाओं में रहा था। आज के समय में देखा जाए तो आपको उस हजारों की संख्या में मल्टीप्लेक्स देखने को मिल जाते हैं जिनकी टिकट की कीमत काफी ज्यादा देखने को मिलती है।
जिस तरह से समय बदला है वैसे वैसे इंटरटेनमेंट का नजरिया बदला और आज टिकट के पैसे भी उस तरह से बढ़ते जा रहे हैं पहले सिनेमाघरों में इतनी ज्यादा सुविधा नहीं मिलती थी। आज के समय में सिनेमा हॉल काशी आलीशान देखने को मिलते हैं जिसमें पूरी फैसिलिटी रहती है। इस हिसाब से भी टिकट के पैसे काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं। पहले लोग कलाकार के नाम सुनते ही फिल्म देखने पहुंच जाते थे। आज के समय में पहले मल्टीप्लेक्स का चयन होता है उसके हिसाब से लोग फिल्म देखने जाते हैं।