भारतीय टीम में कई खिलाड़ी है जिन्होंने कम उम्र में बड़े मुकाम हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। उन्हीं में से एक है। भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम के नरेश तुमदा जिन्होंने एक समय अपने दमदार खेल से देश को कई ट्रॉफिया दिलाई थी। इन्होंने 2018 में ब्लाइंड क्रिकेट विश्व कप में दमदार पारी के दम पर मैच ट्रॉफी दिलवाई थी। अगर वर्तमान में तुमदा की बात करें तो वहां एक मजदूर बन कर रहे है गए और पेट पालने के लिए मजदूरी कर रहे है।
कोरोना ने ना जाने कितने के रोजगार छीन लिए तो ना कितनों के घर बर्बाद हो गए है। इन्हीं में से एक है भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम के दमदार खिलाड़ी नरेश तुमदा जिन्होंने अपनी दमदार पारी के चलते 2018 का विश्वकप अपने नाम किया था। लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में स्थिति बहुत खराब हो गई है। वहीं इस विपरीत परिस्थितियों में खिलाड़ी को अब सब्जी बेचने के साथ मजबूर करना पड़ रहा है। नरेश आज छोटे मोटे काम कर अपना पेट पाल रहे है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत को ब्लाइंड क्रिकेट विश्व कप में नरेश तुमदा की अहम भूमिका रही थी। दुबई में खेले गए फ़ाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराकर विश्व कप अपने नाम किया था। बता दें कि तुमदा नवसारी, गुजरात के रहने वाले है। उन्होंने बताया कि वहां करीब 3 बार मुख्यमंत्री से नौकरी की गुजारिश कर चुके है, लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से कोई भी मदद नहीं मिली। जब उन्हे किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली तो उन्होंने पेट भरने के लिए मजदूरी करना शुरू कर दी।
International level cricket player begging for job from Indian government. Such a shameful incident for government#Blindcricketworldcup2018#FinalWinningTeam@narendramodi do you think about it? @AmitShah @vijayrupanibjp @ravishndtv #nareshtumda #aadivasiproud #Tribalism pic.twitter.com/7fOlUlYmmu
— Mayur chaudhari (@Indian_pitbull) June 21, 2020
क्रिकेटर तुमदा का कहना है कि वह मजदूरी करके रोजाना 250 रुपये मिलते हैं। वहीं उनका कहना है कि जब वहां विश्व कप जीतकर लौटे तो दिल्ली में उनको सभी ने शाबासी दी। इस दौरान उनका उत्साह भी बढ़ाया था। उस वक्त देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्रियों से भी मिले थे, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली थी।
इतना ही नहीं तुमदा ने कहा कि पहली बार विश्व कप की कामयाबी मिलने के बाद वे बहुत खुश थे, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली थी। इसके बाद तुमदा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी नौकरी की अपील की।
वहीं इस समय उनकी स्थिति बहुत की खराब हो चुकी है। उनकी रोजमर्रा की जिन्दगी बहुत की खराब है। गौरतलब है कि इससे पहले भी एक हॉकी खिलाड़ी तो की भी स्थिती बहुत ही खराब थी जिनकी मदद सुनील गावस्कर ने आखिरी वक्त तक उनकी मदद की थी। ऐसी की कहानी युसूफ पठान की रही इनके बाद भी कभी दो वक्त की रोटी नहीं थी लेकिन एक समय ऐसा आया था कि वहां क्रिकेट के धांसुबल्लेबाज बन गए थे।
बहरहाल जो भी हो लेकिन खिलाड़ियों की लाइफ जितनी अच्छी होती है उससे कई गुना खराब भी होती है। खिलाड़ी जब तक मैदान पर अपनी दमदार पारियों का जलबा बिखेरते रहेंगे तब तक ही सुर्खियों में रहेंगे लेकिन एक वक्त ऐसा आता है की उन्हें खराब परफॉमेंस के चलते टीम से बाहर कर दिया जाता है। जिसनी हालत तुमदा की तरह हो जाती है।