पंजाब की बेटी ने किया आर्मी की परीक्षा में टॉप, बनेगी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट

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दुनिया के सभी मां-बाप का यह सपना होता है कि उनके बच्चे खूब पढ़ाई करें और परिवार का और देश का नाम रोशन करें। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है 21 साल की महिमा ने जोकि चंडीगढ़ की रहने वाली है। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रही महिमा ने इंडियन आर्मी की प्रतिष्ठित ऑफिसर सिलेक्शन परीक्षा में चयन होकर अपने परिवार का नाम रोशन किया। महिमा ने सिविल इंजीनियरिंग के अंतर्गत होने वाली परीक्षा में भी देशभर में पहला स्थान हासिल किया और अपने परिवार और इंस्टिट्यूट का नाम उज्वलित किया है।

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प्रथम प्रयास में प्राप्त की सफलता

महिमा ने यह उपलब्धि अपने प्रथम प्रयास में प्राप्त की है, जिससे कि परिवार काफी प्रसन्न है। महिमा द्वारा अपने कठिन प्रयासों से प्राप्त की गई इन उपलब्धियों के बाद उन्हें लगातार अपने परिवार और दोस्तों से बधाइयां मिल रही है। महिमा ने बताया कि उनका शुरू से ही भारतीय सेना में जाने का सपना था जिसे उन्होंने प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि उनकी ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट का पद मिलेगा।

चंडीगढ़ के पंचकूला स्थित अमरावती एंक्लेव में रहने वाली महिमा ने 2020 सत्र में अपनी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। अपने चयन को लेकर महिमा ने बताया कि उनका चयन शॉर्ट सर्विस कमीशन वूमेन टेक्निकल एंट्री बैच नंबर 26 के अंतर्गत हुआ है। आप सभी को हम यह बता दें कि महिमा का चयन इंडियन आर्मी द्वारा आयोजित की जाने वाली सीधे प्रवेश प्रक्रिया के तहत सिविल इंजीनियरिंग पूर्ण कर चुकी लड़कियों के लिए है जिसके लिए मात्र 3 पद होते हैं।

भारतीय सेना द्वारा आयोजित किये जाने वाले पदों के लिए लाखों की संख्या में सिविल इंजीनियर अपना आवेदन करते हैं जिसमें से मात्र 700 लोगों की अल्प सूची तैयार की जाती है। ऐसे कठिन मुकाबले में महिमा ने पूरे भारत में पहला स्थान हासिल करके अपने परिवार का और महिला वर्ग का नाम रोशन किया है। महिमा के पिता जोकि सिंगला पंचकूला के सेक्टर नंबर 6 में स्थित एचवीपीएन में ड्राफ्ट्समैन के पद पर कार्यरत हैं, महिमा की मां प्रतिभा सिंगला हरियाणा के पर्यटन विभाग में आर्किटेक्ट के रूप में कार्य करती है। महिमा का भाई जो कि उनसे उम्र में बड़ा है मोहित सिंगला एक आईटी कंपनी में कार्य करता है।

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महिमा जिस इंस्टिट्यूट की छात्रा है उसके डायरेक्टर प्रोफेसर धीरज सांगी ने महिमा को इंस्टिट्यूट का नाम रोशन करने के लिए बधाइयां दी है। महिमा ने जानकारी देते हुए बताया उनका एसएस भी बेंगलुरु में था जोकि 9 से 13 जून तक चला। बेंगलुरु में जून माह में कोरोना का संक्रमण बहुत अधिक था लेकिन देश के प्रति सेवा और भारतीय सेना के लिए उनका जुनून था जिसके लिए कोरोना कभी उन्हें रोक नहीं सका। महिमा ने यह भी बताया कि एसएसबी के लिए वह एकमात्र ऐसी लड़की थी जो चंडीगढ़ से बेंगलुरु आई थी और इस समय उनके साथ उनके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था।

2 सप्ताह में वजन किया कम

अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि फिजिकल फिटनेस टेस्ट के दौरान उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कोरोना की वजह से मास्क और शील्ड का उपयोग करने में काफी दिक्कतें हुई, लेकिन एक महिला के रूप में उन्हें नाम रोशन करना था इसलिए उन्होंने कभी हार नहीं मानी। टेस्ट के दौरान महिमा को पता चला कि उनका वजन अधिक है और उन्हें 42 दिन का समय दिया गया है ताकि वह इसे कम कर सकें।

महिमा ने अपने लगातार और अथक प्रयासों से खुद का वजन मात्र 2 सप्ताह में ही कम कर लिया और फिर से टेस्ट के लिए तैयार हुई और उनका चयन कर लिया गया। महिमा ने बताया कि उनकी कॉलेज की दोस्त चेतना, ललित, महावीर, प्रभनूर, प्रजापत, धीमान और आर्यन ने उन्हें तैयार करने में काफी मदद करी है उन सभी का धन्यवाद देती है।

वेटर्न वशिका त्यागी से हुई प्रेरित

महिमा ने बताया कि वेटर्न वशिका त्यागी से वह बड़ी प्रभावित हुई 2017 में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें वेटर्न वशिका त्यागी की बहादुरी का पता चला इस कार्यक्रम में उन्होंने देखा कि कैसे वेटर्न वशिका त्यागी ने कारगिल युद्ध के दौरान बहादुरी दिखाई थी। वेटर्न वशिका त्यागी से वह इतनी प्रभावित हुई थी उन्होंने मन ही मन भारतीय सेना में जाने का प्रण ले लिया था। महिमा का ऐसा मानना है कि भारतीय सेना में आप का संपूर्ण विकास होता है आप समय को बेहतर समझते हैं और उसकी कदर करते हैं। आर्मी के लोगों का जीवन बहुत अलग होता है और काफी पाबंद में होता है।

कॉलेज में भी महिमा ने कई मुकाम हासिल किए हैं वह 4 साल तक एनएसएस की वॉलिंटियर्स भी रह चुकी है। स्कूल में हमेशा महिमा ने पढ़ाई तथा गतिविधियों में अपना नाम रोशन किया है। महिमा ने अपनी पढ़ाई डीसी मॉडल स्कूल और डीसी मोंटसरी स्कूल से की है। डीसी मॉडल स्कूल से उन्होंने दसवीं कक्षा में 10 सीजीपीए प्राप्त किए थे, वही अपनी 12वीं कक्षा में उन्होंने 95% मिले थे। महिमा को पेंटिंग का शौक है और इसी में उन्होंने कई उपलब्धियां भी हासिल की है।

महिमा को जब जब समय मिलता है वह गिटार बजाती हैं और बागवानी करती हैं। महिमा ने बताया कि आर्मी की जिंदगी बहुत अलग होती है वहां पर कई सारे साहसिक कार्य होते हैं जिसको लेकर वह काफी उत्साहित हैं। अब जब उनका चयन हो गया है तो वह अपनी पूरी ताकत से देश की सेवा कर के नाम रोशन करेंगे।


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