भारत में पिछले कुछ समय इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में जोरदार गति हुई है खा कर दो प्रिया वाहनों ने जनता को अपनी और आकर्षित किया है। इसकी वजह है पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें वही भविष्य को देखते हुए चार पहिया वाहन खरीदने वालों ने भी इलेक्ट्रिक की ओर रुख किया है। लेकिन आज भी इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों की संख्या भारत में बहुत कम है। आज इन मालिकों के लिए बहुत बड़ी खबर आई है जिसे सुनकर इलेक्ट्रिक वाहन मालिक गदगद हो जाएंगे।
आज तक आप सभी लोगों ने कई बड़ी मोबाइल कंपनियों के मोबाइल खरीदे हैं तो उसके साथ आपको चार्जर अलग से लेने का दर्द झेलना पड़ा है। यही दर्द इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को भी सहना पड़ा था क्योंकि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी ओला, हीरो, अथर और टीवीएस में अपने वाहनों के साथ चार्जर अलग से दिए थे जिसकी मोटी रकम वसूली गई थी। अब यही कंपनियां तकरीबन 228 करोड रुपए जोकि अलग से दिए गए चार्जर के रूप में लिए गए थे लौटाने की योजना बना रही है।
FAME II का किया उल्लंघन
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यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों ने फेम टू योजना के नियमों को ताक पर रखते हुए कार्य किया था। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के इस उलंगन का पता लगने के बाद केंद्र सरकार ने सेम टू का लाभ देना बंद कर दिया जिसके चलते ही इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को चार्जर के रूप में लिए गए रुपयों को रिफंड करने का प्लान तैयार करना पड़ा। आप सभी को जानकर आश्चर्य होगा कि चार्जर के रूप में ली गई रकम 228 करोड रुपए है जोकि ग्राहकों को लौटाई जाएगी।
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130 करोड़ लौटाएंगी OLA
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ओला इसकी घोषणा भी कर दी है जिसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया माध्यम से बताया है। हालांकि इस घोषणा में कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह कितना रुपया अभी तक वसूल चुकी है लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह रकम 130 करोड़ रुपए से अधिक की हो सकती है। कंपनी ने अपने घोषणा में कहा है कि यह भुगतान केवल योग्य ग्राहकों को ही दिया जाएगा हालांकि यह नहीं बताया गया है कि वह जिन ग्राहकों को इसके लिए योग्य मानेगी।