बाबरी विध्वंस की बरसी पर कोठारी बन्धु का शौर्य जिन्होंने रामलला के लिए अपना जीवन न्योछावर किया

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बहुत ही कम लोग जानते होंगे की अयोध्या का मंदिर बनाने में कोठारी बंधु श्रीराम कोठारी और शरद कोठारी का कितना बड़ा योगदान रहा था। कोठारी बंधु हिंदू धर्म की वह अविरल विभूति है जिन्होंने अयोध्या में ३० अक्टूबर के दिन ही बाबरी मस्जिद पर भगवा ध्वज फहराया था और इसी दिन अपने बहादुरी से यह साबित कर दिया था कि यह जन्मभूमि श्रीराम की ही है। हिंदुत्व के इतिहास में इन दोनों भाइयों का बलिदान स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कोठारी बंधुओं के इस बहादुरी को उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव सहन नहीं कर पाए थे और उन्होंने गोलीबारी करवा दी। इस अंधाधुंध गोलीबारी में राम कोठारी और शोध कोठारी दोनों भाई शहीद हो गए थे। उनके इस अभूतपूर्व बलिदान का परिणाम आज हमें सुप्रीम कोर्ट के रिजल्ट के रूप में प्राप्त हो गया है दोनों भाइयों को वास्तव में आज श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं

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7 जनवरी 2016 : जागतिक माहेश्वरी महासभा (JMM) द्वारा दिया जानेवाला माहेश्वरी समाज का सर्वोच्च पुरस्कार “माहेश्वरी रत्न” अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के प्रथम शहीद, अमर बलिदानी राम कोठारी एवं शरद कोठारी इन कोठारीबंधुओं को संयुक्त रूप से दिया गया है l उन्हें यह पुरस्कार मरणोपरांत मिला है l ‘माहेश्वरी रत्न’ पुरस्कार पानेवाले वह चौथे और पांचवे व्यक्ति है, इससे पूर्व में सन 2013 में यह पुरस्कार कै. सेठ दामोदरजी राठी (मरणोपरांत) और माननीय न्यायमूर्ति श्री रमेश चन्द्र लाहोटी, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (HON’BLE MR. JUSTICE R C LAHOTI, FORMER CHIEF JUSTICE OF INDIA.) को और वर्ष (सन 2014) यह पुरस्कार नामांकित ‘बिर्ला उद्योग समूह’ (Birla Group) के संस्थापक, स्वतंत्रता सेनानी कै. श्री घनश्यामदासजी बिर्ला को मरणोपरांत दिया गया है। इस वर्ष (सन 2015) यह पुरस्कार अनन्य रामभक्त कोठारी बंधुओं कै. राम कोठारी एवं शरद कोठारी को संयुक्त रूप से दिया गया है l


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