जाने कैसे एक छोटी शुरुआत से हल्दीराम बनी 20000 करोड़ की कंपनी, किस महाराजा के नाम पर रखा गया है नाम

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हल्दीराम के उत्पादों को भला आज कौन नहीं जानता होगा। हल्दीराम के प्रोडक्ट ने आज हर घर में अपनी पहचान बना ली। अगर इसके पीछे की सफलता की बात करें तो बहुत ही दिलचस्प है। दुनिया की दूसरी सबसे और बड़ी स्नेक्स कंपनी अब इसमें हिस्सेदारी खरीदना चाहती है। एक छोटी सी दुकान से हल्दीराम की शुरुआत हुई। जिसमें आज एक बड़ा कारोबार हल्दीराम के प्रोडक्ट ने जमा लिया है। बता दें कि अब हल्दीराम ने देश-विदेश में अपनी लोकप्रियता का परचम लहराया है हल्दीराम को इस ऊंचाई तक किसने पहुंचाया। कई सवाल है लेकिन आज हम आपको इस सवाल से जुड़ी कहानी के बारे में बायेंगे जी बहुत ही दिलचस्प है।

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Haldiram Business Growth 1

1937 में हुई कारोबार की शुरुआत

दरअसल हल्दीराम की शुरुआत 1937 में राजस्थान के बीकानेर से एक छोटी दुकान से शुरुआत हुई। इसकी शुरुआत बीकानेर में गंगा बिशन अग्रवाल ने की थी। बताया जाता है कि इन्हें बचपन में इनकी मां हल्दीराम कहकर बुलाती थी तभी से इस प्रोडक्ट का नाम हल्दीराम पड़ा था। मसूर बीकानेर भुजिया को उन्होंने नया जायका दिया बताया जाता है उनकी चाची एक अलग तरीके से भुजिया बनाती थी। इतना ही नहीं यह भुजिया आज हर घर में फेमस है। गंगा बिशन ने इस तरीके से भुजिया बना कर दुकान में रखना शुरू किया जो हर व्यक्ति की पसंद बन गई।

Haldiram in 1937 first shop

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कैसे लोगों को पसंद आया नया जायका

आपको बता दें कि गंगा बिशन अग्रवाल के इस प्रोडक्ट ने देश विदेश में अपना परचम लहराया था। इस प्रोडक्ट के ऊपर पवित्र कुमार ने एक किताब लिखी थी जिसका नाम था भुजिया बैलेंस किताब जिसमें उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया था। वही हल्दीराम प्रोडक्ट के निर्माता गंगाराम विशन ने अपनी भुजिया में मौठ मिलाना शुरू किया जिसमें इसमें कई बदलाव आए जो लोगों की पसंद बन गया।

Haldiram Business Growth 2

इसके बाद इस प्रोडक्ट को उन्होंने डूंगर सेव का नाम दिया। बीकानेर के लोकप्रिय महाराजा डूंगर सिंह के नाम पर अपने भुजा का नाम रखा था। इसके बाद बदलाव रंग लाया और 10 साल में इसकी बिक्री 200 किलो तक पहुंच गई इसकी कीमत पैसे से 25 पैसे पर पहुंच गई और इसके बाद यह कारोबार कोलकाता पहुंचा कोलकाता के बाद इसने दिल्ली में चांदनी चौक में हल्दीराम की दुकान के उत्पादों को जाए क्योंकि चर्चा दूर-दूर तक होने लगी इसके बारे नागपुर की उसके बाद यह कई जगह अपनी छाप छोड़ने लगी।

20000 करोड़ की बनी हल्दीराम

Haldiram Business Growth 4

वहीं घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली हल्दीराम देश-दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्नेक्स कंपनी केलॉग्स ने हल्दीराम की 3 में से 2 शाखाओं में हिस्सेदारी की दिलचस्पी दिखाई है जिनमें हल्दीराम एथनिक फूड्स और हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल शामिल है। इन दोनों कारोबार की वैल्यू करीब 20 करोड़ रुपये बताई जा रही है। वहीं दोनों कंपनी की बिक्री की बात करें तो इस वित्ती वर्ष में 4500 से 5000 करोड रुपए रहने की उम्मीद है। वहीं अगर हल्दीराम की आई वित्ती वर्ष 2016 की बात करें तो 4000 करोड रुपए के आंकड़े को पार कर गई थी। नेस्ले के मैगी के मुकाबले अगर इनकी बात करें तो यहां आज दोगुना हो गई है या डोमिनोज पिज़्ज़ा और मैकडोनाल्ड के भारतीय कारोबार से भी ज्यादा है।

Haldiram Business Growth 5

बहरहाल हल्दीराम प्रोडक्ट अब देश दुनिया में अपनी पहचान बनाने के साथ ही लोगों की सबसे पहली पसंद बन गया है। आज बाजार में हल्दीराम के नाम से काफी सारे प्रोडक्ट मौजूद हैं जिन पर जनता आंख मीच पर भरोसा भी करती है यही कारण है जो हल्दीराम को साल दर साल ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।


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