क्या आपने कभी देखा है की कोई भारी भरकम चीज़ बिना सहारे के किसी कोने या चोटी पर लटकी रह सकती है नहीं ना? लेकिन म्यांमार में ऐसा एक 25 फ़ीट का बड़ा सा पत्थर दुसरे पत्थर की छोटी पर टिका हुआ है देखने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो अभी गिर जायेगा। वैसे तो दुनियाभर में कई एक से बढ़कर एक हैरान कर देने वाली अजब गज़ब चीज़े भरी पड़ी है.जो इतनी रहस्यमयी होती है की इनके बारे में पता लगाना नामुमकिन है।
जिस तरह से तमिलनाडु के महाबलीपुरम शहर में एक बहुत ही प्राचीन पत्थर है जो की ढलान पर लगभग 1200 साल से अद्भुत तरह से टिका हुआ है. मगर क्या आपको पता है की ऐसा ही एक पत्थर म्यांमार में भी मौजूद है जो की 25 फ़ीट ऊंचा है. इस पत्थर में भी ख़ास चीज़ ये है की ये पत्थर भी हज़ारो सालो पहले से किसी दिव्या शक्ति की तरह एक दुसरे पत्थर की छोटी पर टिका हुआ है. इसे आजतक कोई भी कितना भी बड़ा आंधी तूफ़ान ही क्यों न हो इसे टस से मस तक नहीं कर पाया है.
ये पत्थर 1200 मीटर की ऊँचाई पर मौजूद है, ये बड़ा सा भारी पत्थर किसी अजूबे से कम नहीं है. ये पत्थर न जाने कितनी ही सदियो से इसी स्थान पर बिना हिले टिका हुआ है. आपको बता दे की इस पत्थर को भगवान का रूप मानते हुए म्यांमार में पूजा जाता है. ये पत्थर पीले रंग का है जो एकदम सोने के पत्थर की तरह लगता है. इसे गोल्डन रॉक भी कहते है.अक्सर यहाँ आने वाले लोग इस पर सोने की पत्तिया चिपका देते है जिससे ये सोने की तरह ही लगने लगा है. इसलिए इसे गोल्डन रॉक के नाम से भी जाना जाता है.
पूरी जानकारी के अनुसार ये पत्थर म्यांमार के बौद्ध धर्मावलम्बियों के लिए एक मुख्य स्थान है.इस चमत्कारी पत्थर के दर्शन के लिए ही भक्तो की हमेशा भीड़ लगी रहती है. इस बड़े भरी पत्थर का एक किनारा एक नुकीले वाले पत्थर से टिका हुआ है जबकि बाहर का भाग दूसरी तरह लटका हुआ है.
मान्यता ये है की ये भारी सा पत्थर भगवान बुद्ध के बालो पर टिका है, इसलिए वो कभी अपने स्थान से नहीं हटता ये तो नहीं पता की ये पत्थर यहाँ कबसे ऐसे टिका हुआ है. परन्तु ये मान्यता ज़रूर प्रचलित है की ये ‘क्यैकटियो पगोडा’ को 581 ईसा पूर्व में बनाया गया था. वहीँ कुछ लोगो का ये मानना है की एक बौद्ध भिक्षु ने भगवन बौद्ध सिर के ऊपर बालो पर हे पत्थर रख दिया था. जिससे ये बालो के सहारे टिका हुआ है.