राकेश टिकैत: कृषि संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद का समापन हो गया है। भारत के अलग-अलग प्रदेशों में इसका अलग-अलग रूप देखने को मिला। कई जगह भारत बंद को समर्थन मिला तो ज्यादातर जगह समर्थन नहीं मिला। किसानों के समर्थन में कई राजनीतिक पार्टियां आगे आ चुके हैं। इन सभी के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का बयान आया है कि बहुत हुआ कृषि कानूनों का विरोध अब इसका समापन हो जाना चाहिए। इसी बयान के बाद आज शाम 7:00 बजे 15 सदस्यों की टीम गृहमंत्री अमित शाह से मिलने जाएगी।
सिंघु सीमा की को रवाना टिकैत
जानकारी मिली है कि राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर यातायात के लिए खोल दिया है। सूत्रों का कहना है कि राकेश हटके अन्य किसान संगठनों से विचार विमर्श करने के लिए सिंधु सीमा पर पहुंच रहे हैं। वार्ता में राकेश टिकैत ने कहा कि अब लग रहा है कि बस एक कदम दूर है अब समापन निश्चित है। भारत बंद के दौरान दिल्ली नोएडा बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधिकारियों से वार्तालाप कर रहा है। जब यह बातचीत चल रही थी इसी दौरान वहां एक एंबुलेंस पहुंची तो इस एंबुलेंस को बिना किसी बाधा के वहां से प्रदर्शनकारियों ने जाने दिया।
लगातार किसान पहुंच रहे
किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान को समर्थन देने के लिए पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टर व कारों में कई सारे किसान सिंघु बॉर्डर पर एकत्रित हो चुके थे जिसको लेकर कड़े सुरक्षा इंतजाम पहले से ही कर दिए गए थे। बीते 13 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर कई किसान संगठन लेटे हुए हैं और जिसके चलते चावल आटा दाल तेल दूध साबुन जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है।
गुरजीत सिंह जो कि पानीपत से आए हैं उनका कहना है कि निश्चित रूप से जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होगी परंतु हमारे पास आने वाले दो-तीन महीनों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है हम अपनी पूरी तैयारी के साथ सिंघु बॉर्डर पर आए हैं। गुरजीत सिंह ने कहा कि किसानों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है और कई लोग साइकल और बैल गाड़ियों से यहां पहुंच रहे हैं।
गैर सरकारी संगठनों द्वारा लंगर
बॉर्डर पर गैर सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे लंगर में प्रदर्शनकारी भोजन के लिए बैठे नजर आ रहे हैं। भोजन के बाद कुछ किसान बच्चे और बुजुर्ग प्राणियों के नीचे आराम करने चले गए और कुछ नेताओं के भाषण सुनने चले गए हैं। इतनी भारी मात्रा में लोगों की उपस्थिति के कारण कुछ छोटे व्यापारी दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे तेल क्रीम मुझे अंतः वृत्त और साबुन लिए घूम रहे हैं और प्रदर्शनकारियों को यह मुफ्त में प्रदान कर रहे हैं।
राजेंद्र सिंह कोहली जो कि मोहाली से आए हैं उन्होंने बताया कि यहां पर संख्या रोस्ट तेजी से बढ़ रही है। आज जबकि किसान संगठन द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया था जिसकी वजह से सड़कों पर वाहनों की संख्या कम थी। सिंघु बॉर्डर की तरफ जाने वाली सभी सड़कें सुनसान थी और सड़क के किनारे बनी दुकान है बंद थी। भारत बंद के कारण दिल्ली पुलिस में है सुरक्षा के व्यापक इंतजाम पहले से ही कर लिए थे।