कर्ज में डूबी एयर इंडिया को संवारने के लिए एक बार फिर टाटा ग्रुप ने अपने हाथ बढ़ाएं हैं बता दें कि हाल ही में टाटा ग्रुप की तरफ से काफी बड़ी बोली लगाते हुए एक बार फिर एयर इंडिया को संभालने का जिम्मा उन्होंने अपने सर पर ले लिया है। दरअसल, पिछले कई सालों से लोगों को एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक पहुंचाने के लिए चलाई जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट कर्ज में डूबी है इतना ही नहीं इसे खरीदार भी नहीं मिल रहे थे। लेकिन हाल ही में टाटा संस की और से बड़ी बोली लगाते हुए इसे खरीद लिया गया है।
हालांकि इसकी अभी औपचारिक घोषणा होना बाकी है लेकिन जिस तरह से खबर आ रही है उसके अनुसार टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए लगी बोली को जीत लिया है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने टाटा ग्रुप को एयर इंडिया के लिए चुना है। बताया जाता है कि स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने भी टाटा ग्रुप के साथ एयर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगाई थी। लेकिन यह बोली टाटा ग्रुप में जीत ली है और अब एक बार फिर एयर इंडिया उनकी हो गई है।
Media reports indicating approval of financial bids by Government of India in the AI disinvestment case are incorrect. Media will be informed of the Government decision as and when it is taken. pic.twitter.com/PVMgJdDixS
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 1, 2021
एयर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसे साल 1932 में टाटा ग्रुप द्वारा ही चालू किया गया था। वहीं जे.आर.डी टाटा इसके संस्थापक थे। बता दें कि जब टाटा ग्रुप द्वारा इसे चालू किया गया था जब इसका नाम एयर इंडिया ना होते हुए। टाटा एयर सर्विस रखा गया था। साल 1938 के बाद टाटा एयर द्वारा घरेलू उड़ान को चालू कर दिया गया था। लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे सरकारी हाथों में सौंप दिया गया था। बताया जाता है कि आजादी के बाद सरकार द्वारा इसमें 49 परसेंट की हिस्सेदारी को खरीद लिया गया था।
यदि एयर इंडिया के मुनाफे और नुकसान की बात की जाए तो साल 2007 में इंडियन एयरलाइंस में विलय होने के बाद से ही एयर इंडिया लगातार घाटे में रही है। साल 2021 के तिमाही की बात की जाए तो बताया जा रहा है कि एयर इंडिया 10000 करोड रुपए के घाटे की संभवना है। पुराने रिकॉर्ड की बात करें तो साल 2019 तक एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज था। वहीं जब इसे अब टाटा संस द्वारा खरीद लिया गया है तो उन्हें 23,286.5 करोड़ रुपए का भार उठाना होगा। फिलहाल एयर इंडिया के काम की बात की जाए तो यह देश में 4400 तो विदेश में 1800 पार्किंग स्लॉट को नियंत्रित करती हैं।