किसान आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है सरकार से वार्ता विफल हो रही है किसान आंदोलन के बहाने विपक्षी दल भाजपा की सरकार के खिलाफ अपनी रोटियां गरम कर रही हैं। किसान आंदोलनकारियों ने कल 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इसी बीच वर्तमान भाजपा सरकार के कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के दोगले चरित्र को बेनकाब किया है।
कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता कर जनता के सामने विपक्ष के दोगले चरित्र के सबूत प्रस्तुत किए। कांग्रेस के इस दोगले चरित्र में उनका साथ सपा, आप और शिवसेना दे रही है। इनके भी काले चरित्र को कानून मंत्री ने उजागर कर दिया है। कानून मंत्री द्वारा दिए गए सबूतों से यह सब समझ में आता है कि इन सभी राजनीतिक दलों ने किसान बिल को पहले अपने चुनावी मेनिफेस्ट में डाला जिससे उन्हें किसानों के वोट मिल सके। परंतु आज जब भाजपा सरकार किसान बिल को लागू कर रही है तो सारे विपक्षी इसके खिलाफ आंदोलन में सहभागिता दे रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 23 नवंबर 2020 को नए कानून(कृषि कानून) को नोटिफाई करके दिल्ली में लागू कर दिया है। इधर आप विरोध कर रहे हैं और उधर आप गजट निकाल रहे हैं:
सारे विपक्षी दल मिलकर जनता को भ्रामक जानकारी देकर आंदोलन को बढ़ावा दे रहे हैं। कानून मंत्री ने कहा कि ऐसा विपक्ष देश के लिए नुकसानदायक है और देश के विकास की सबसे बड़ी रुकावट है। ऐसे विपक्ष को जनता अपने मताधिकार से सबक सिखा रही है और इनकी छोटी मानसिकता के विरुद्ध कदम उठा रही है।