सीएम योगी ने शिवाजी महाराज को बताया सबके नायक, तो फडणवीस ने कहा – जय शिवराय

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदल कर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किया जाए। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रवादी विचारों को पोषित करने वाली है। गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों को छोड़, राष्ट्र के प्रति गौरवबोध कराने वाले विषयों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमारे नायक मुगल नहीं हो सकते। शिवाजी महराज हमारे नायक हैं। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि आपके नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं है। हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं। जय हिंद, जय भारत…। 

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मुख्यमंत्री के इस ऐलान की महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सराहना की है। मुख्यमंत्री योगी के ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा–‘जय जिजाऊ, जय शिवराय…छत्रपति शिवाजी महाराज की जय।’ उन्होंने अंग्रेजी में भी छत्रपति शिवाजी महाराज की जय लिखा।

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विकास कार्यो से जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए

मुख्यमंत्री  ने कहा कि किसी भी स्तर पर लम्बित प्रस्ताव को तत्काल स्वीकृत किया जाए। सभी विकास कार्यों के साथ जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। सामुदायिक शौचालय व ग्राम पंचायत सचिवालय के निर्माण संबंधित कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण कराने की कार्यवाही हो।  आगरा मण्डल में सड़कों का निर्माण व मरम्मत युद्धस्तर पर हो। बरसात के समाप्त होते ही सड़कों को गड्ढामुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण व शहरी) के तहत निर्माण की जियो टैगिंग की जाए।

आगरा मंडल के हर जिले में ओडीओपी की योजनाएं बनाई जाएं

मुख्यमंत्री  ने कहा कि हर जनपद में ओडीओपी के तहत चयनित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए। इन उत्पादों के संबंध में हस्तशिल्पियों व कारीगरों को प्रशिक्षित करने, उत्पादों की ब्राण्डिंग, मार्केटिंग व प्रदर्शनी लगाए जाने की कार्यवाही भी की जाए। उन्होंने नदियों के जीर्णोद्धार तथा तालाबों के पुनरुद्धार कार्य को योजनाबद्ध तरीके से पूरी करने के निर्देश दिए। जनप्रतिनिधिगण से संवाद स्थापित कर एफ0पी0ओ0 का गठन किया जाए।

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जीएसटी के लिए अधिक से अधिक व्यापारियों को जोड़ा जाए

मुख्यमंत्री  ने कहा कि राजस्व संग्रह पर विशेष ध्यान दिया जाए। जी0एस0टी0 के तहत व्यापारियों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को राजस्व संग्रह की विभागवार समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। 01 लाख रुपए से 10 करोड़ रुपए के मध्य के लागत की योजनाओं की भी समीक्षा की जाए।


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