राजस्थान पंचायत चुनाव में भाजपा ने फहराया परचम कांग्रेस के कई दिग्गज हुए फेल

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राजस्थान में पंचायतराज और जिला परिषद के चुनावों के परिणाम उम्मीद से बिल्कुल परे रहे। जहां पहले दिनभर कांग्रेस बढ़त बनाती दिखी। वहीं वहीं शाम होते- होते चुनाव के परिणाम ने स्थिति साफ कर दी कि गांव की सरताज प्रदेश में भाजपा ही है। आपको बता दें कि 21 जिलों के देर रात तक 4051 पंचायत समिति सदस्यों के घोषित परिणाम में कांग्रेस ने 1718 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं भाजपा ने 1836 सीटे जीत कर यह मिथक तोड दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में बड़ा फायदा होता है। प्रदेश कांग्रेस पंचायत समिति और जिला परिषद दोनों की चुनावों में खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। वहीं सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गजों को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा। कांग्रेस की जीत की दावेदारी पेश करने वाले कई मंत्री भी पंचायत की परीक्षा में फेल हो गए। चार चरणों में हुए चुनाव के ऐसे परिणाम कांग्रेस के लिए बेहद चौंकाने वाले हैं। वहीं बीजेपी का इस परिणाम में मनोबल काफी बढ़ा दिया है।

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कांग्रेस ने इन दिग्गजों को लगा बड़ा झटका

आपको बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर पीसीसी पूर्व चीफ और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पंचायत चुनाव में तगड़ा झटका लगा है। अपने क्षेत्रों में खास पकड़ रखने वाले इन मंत्रियों और दिग्गजों को जनता ने विपरित परिणाम देकर चौंका दिया है। आपको बता दें कि डोटासरा ने निर्वाचन क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में कांग्रेस 25 में से केवल 11 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई। यहां बीजेपी ने 13 और एक निर्दलीय ने जीत का परचम लहराया। इसी तरह निम्बाहेड़ा में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी सिर्फ 17 में से तीन सीट ही कांग्रेस को जीता पाए। यहां बीजेपी ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया। खेल मंत्री अशोक चांदना डिहौली क्षेत्र में 23 में से 13 पंचायत समितियों में बीजेपी और 10 पर कांग्रेस दिखी। अजमेर में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को बड़ा झटका लगा। यहां 11 पंचायत समितियों में 9 पर भाजपा की बढ़त मिली है। वहीं कांग्रेस दो पर ही है।

सचिन पायलट को दोहरा झटका

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लिए पंचायत चुनाव दोहरा झटका देने वाला बना। संगठन में अपनी खास साख रखने वाले सचिन टोंक और अजमेर दोनों ही जगह अपना जलवा नहीं दिखा पाए। टोंक में जिला परिषद सीटों की 25 सीटों में 10 ही कांग्रेस के कब्जा रहा। वहीं अजमेर में पंचायत समिति में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। जानकारों का कहना है कि निर्वाचन क्षेत्र टोंक और अजमेर से मिली कांग्रेस की हार का असर सचिन पायलट पर काफी पड़ेगा। आपको बता दें कि सचिन पायलट अजमेर से 2014 तक सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री भी रहे थे। वहीं यहां अजमेर से रघु शर्मा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री भी है।

हनुमान बेनीवाल और निर्दलीयों ने भी बिगाड़ा खेल

उल्लेखनीय है कि कई स्थानों पर निर्दलीय और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी की भूमिका रहेगी। उन्होंने भी बीजेपी-कांग्रेस दोनों की पार्टियों का खेल बिगाड़ा। आपको बता दें कि आरएलपी 56 और 422 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत का परचम लहराया है। इसके अलावा सीपीआईएम ने 16, सीटों पर फिलहाल जीत हासिल की है।

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यह है हार के प्रमुख कारण

जानकारों की मानें, तो कांग्रेस को मिली यह हार कई पहलूओं से जोड़कर देखी जा सकती है। प्रदेश में चले डूंगरपुर आंदोलन, गुर्जर आंदोलन और सियासी संकट के दौरान गुटबाजी का असर कांग्रेस पर पड़ा। कांग्रेस का अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे में बट जाना बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। इसके अलावा संगठनों नियुक्तियां ना कर पाना, विधायकों के भरोसे जमीनी स्तर पर चुनावों को लड़ने की मंशा और टिकट बंटवारे में परिवारवाद भी हार के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।


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