वैसे तो आप कभी किसी बच्चे से पूछे की वो बड़ा होकर क्या बनना चाहता है तो हर बच्चे का जवाब यही होता है की वो डॉक्टर,इंजीनियर,या फिर वकील या पायलट बनना चाहता है।बहुत कम ही ऐसे होते है जो कहते है की वो टीचर बनना चाहते है।इसके पीछे वजह ये है की समाज में ये सोच बनी हुई है की एक टीचर की इतनी कमाई नहीं होती है की वो दूसरे प्रोफेशनल्स के बराबर हो। लेकिन आज हम आपको जिस टीचर के बारे में बताने जा रहे है उसे देखने के बाद आपकी भी आंखों से पट्टी हट जाएगी और आप भी सोचेंगे कि टीचिंग करना भी एक बेहतर प्रोफेशन हो सकता है।
दरअसल, हम जिनकी बात कर रहे है उनका नाम है अंकित कुमार अवस्थी। ये राजस्थान के अलवर के रहने वाले है। आर ए एस 2018 में ये 235 वी रैंक लेकर आए थे।लेकिन फिलहाल वो इस वजह से नहीं बल्कि किसी और ही वजह से चर्चा में बने हुए है। जी हां इनकी चर्चा की वजह है इनका प्रोफेशन।पेशे से अंकित टीचर है और एक ऑनलाइन एजुकेशन ऐप के माध्यम से 5 करोड़ रुपए कमाते है। चौंक गए ना? कोरोना में अंकित ने सरकार को 1 करोड़ रुपए का टैक्स भी दिया है।
अंकित का कहना है की अब वो यही चाहते है की मात्र 200 रुपए फीस लेकर वो अलवर और उसके पास के जिले के गरीब बच्चो को पढ़ा सके। ताकि वे बच्चे आर ए एस जैसी परीक्षा पास कर अफसर बन सके।इतना ही नही इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने 28 लोगो की एक टीम भी बनाई है।जिन्होंने इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू कर दिया है।इस प्रोजेक्ट के लिए अंकित को अपनी कमाई से महीने के 4 लाख रुपए खर्च करने पड़ते है।
आपको बता दे की अंकित जब 19 साल के थे तब ही उन्होंने एमएससी कर लिया था।और तो और 20 साल की उम्र में गेट में 41 वे पायदान पर भी आए थे।वहीं आईआईटी साल 2010 में कानपुर से एमटेक करने के बाद 2011 से लेकर 7 साल तक कोटा बंसल में हेड ऑफ द डिपार्टमेंट रहे थे।
बात करे अंकित के करेंट प्रोफेशन की तो अंकित पिछले 2 साल से ऑनलाइन ऐप के थ्रू लोगो को पढ़ा रहे है।और वो इस ऑनलाइन ऐप के जरिए साल के 5 करोड़ रुपए कमाते है। और इनकम टैक्स अधिनियम के तहत 18 प्रतिशत के हिसाब से सरकार को 1 करोड़ रुपए का टैक्स भी दे रहे है।अंकित के हर लेक्चर को करीबन 10 लाख लोग रोजाना देखते है।