अभिनेता अनिल कपूर का हिंदी सिनेमा काफी योगदान रहा है उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखने के बाद से अब तक एक के बाद एक कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है। इतना ही नहीं इतने साल के होने के बाद भी उनकी गिनती की जंग कलाकारों की श्रेणी में की जाती है क्योंकि वह शरीर से आज भी इतनी ज्यादा सीट दिखाई देते हैं कि वे युवा कलाकारों को भी अपनी स्टाइलिश है मात दे देते हैं।
लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में इतना बड़ा मुकाम हासिल करना अनिल कपूर के लिए कभी आसान नहीं रहा उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कई पापड़ बेले हैं। इतना ही नहीं एक समय उनके जीवन में ऐसा भी आ गया था कि उन्हें अपने परिवार के साथ गैराज में रात गुजारने पढ़ती थी। आज उनका करियर पीक पर है उन्होंने जबसे सफलता का स्वाद चखा है।
इसके बाद से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन पुराने दिन को याद करते हुए वह भी बताते हैं कि उन्होंने भी कई परेशानियों का सामना किया था जब जाकर आज इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है। तो चलो आ जाओ उसके मुझे जमाने से जुड़ी कुछ ऐसी बातों से आपको रूबरू करवाते हैं जिन्हें आज तक आप नहीं जान पाए हैं।
अपने पुराने दिन को याद करते हुए अनिल कपूर बताते हैं कि जब उनका परिवार मुंबई आया था। तो वे उस समय अपने परिवार के साथ राज कपूर के गैराज में रहा करते थे। हालांकि कुछ समय या रहने के बाद उन्होंने एक कमरा किराए पर ले लिया था। बात करें अभिनेता के परिवार की तो उनके पिता सुरेंद्र कपूर फिल्म डायरेक्टर थे इसलिए अनिल का लगाव शुरू से फिल्मों की तरफ था।
फिल्मों से अपने लगाव के चलते उन्होंने अपने करियर को मनोरंजन दुनिया से जोड़ने का विचार बना दिया था और उन्होंने साल 1980 में अपने कदम फिल्म इंडस्ट्री में रख दिए थे। बता दे कि अभिनेता ने अपना डेब्यू तेलुगु सिनेमा से किया था। जहां उन्होंने फिल्म ‘वामसा व्रुक्षम’, में अभिनय किया। इससे पहले भी अनिल साल 1979 में डायरेक्टर उमेश मेहरा की फिल्म ‘हमारे-तुम्हारे’ में सपोर्टिंग रोल में नजर आ चुके थे।
वहीं इसी दौरान उनकी मुलाकात सुनीता से हो गई और पहली नजर में ही है अनिल कपूर सुनीता को दिल दे बैठे लेकिन वह यह बात उनसे कहने से काफी दिन तक डरते रहे लेकिन एक दिन जब उन्होंने सुनीता को देख तो ले जाने की बात की तो उन्होंने खुशी-खुशी हां कर दिया इतना ही नहीं अभिनेत्री उस समय अभिनेता का खर्चा भी उठाया करते थे दोनों के बीच में नजदीक है इतनी ज्यादा बढ़ गई कि बाद में दोनों ने शादी कर ली इसके बाद ही अभिनेता को अपनी पहली फिल्म मिली।
साल 1984 में दोनों ही कलाकारों ने सात फेरे ले लिए वहीं इस समय तक अनिल कपूर भी अपना अच्छा खासा नाम कमा चुके थे। शादी के बाद सुनीता ने मॉडलिंग छोड़कर घर संभाला और अनिल का साथ दिया।