अपनी अदाकारी से ज्यादा अपनी रोमांटिक लिए पहचानी जाने वाली बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा कंगना रनौत इन दिनों एक के बाद एक विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोर रही है बता दें कि कुछ समय पहले ही अभिनेत्री कंगना रनौत को पद्म श्री सम्मान मिला है लेकिन उसके बाद ही उन्होंने देश की आजादी को लेकर ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद से वह लगातार चर्चाओं में बनी हुई है और उनसे पद्मश्री सम्मान वापस लेने के लोग सोशल मीडिया पर पहुंच कर रहा है इतना ही नहीं अब उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल भी किया जा रहा है।
वहीं अब उन्होंने आजादी के बाद महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दे दिया है जिसको लेकर एक बार फिर वह बड़ी मुसीबत में फंसते हुए नजर आ रही है। अभिनेत्री कंगना ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है इसके साथ ही उन्होंने लोगों को फ्री में सलाह तक दे डाली है। एक विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसके बाद एक बार फिर कंगना रनौत अपने बयान को लेकर चर्चाओं में आ गई। इस बार उन्होंने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी को लेकर ही विवादित बयान दे डाला हैं।
अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपनी पोस्ट साझा करते हुए कहा है कि महात्मा गांधी ने लोगों को यह शिकायत है कि कोई एक चांटा मारे तो अपना दूसरा गाल आगे कर दो इससे देश को आजादी नहीं मिली है। इतना ही नहीं अभिनेत्री ने तो यहां तक भी कह डाला है कि आजादी के लिए अपने बलिदान देने वाले लोगों को मालिकों के सुफरत लगा दिया गया। कंगना यही नहीं रखी उन्होंने महात्मा गांधी सत्ता का भूखा और चालाक बताया है। उन्होंने कहा है कि जो गांधीजी ने सबको सिखाइए है कि एक चांटा कोई मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो इससे आजादी नहीं मिलती है इससे तो भूख मिलती है उन्होंने यह भी कहा है कि अपना नेता या हीरो समझकर चुने।
कंगना रनौत ने एक गोल पोस्ट करते हुए इस बात को भी सबके सामने रखा है कि महात्मा गांधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए उन्होंने कभी भी इन क्रांतिकारियों का समर्थन नहीं किया। कंगना ने ऐसे कई पुराने सबूतों का हवाला दिया उन्होंने कहा है कि ऐसे कई साथ मौजूद है जिनमें इस ओर इशारा होता है कि महात्मा गांधी ने कभी भी भगत सिंह और नेताजी का समर्थन नहीं किया इसीलिए समझदारी से अपने हीरो को चुने।
बताते चलेगी पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने के बाद एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री कंगना रनौत ने साल 1947 में मिली आजादी को भीख में मिली आजादी बताया था इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था की आजादी तो 2014 में मिली है। जब इस बात को लेकर विवाद ज्यादा बढ़ गया तो उन्होंने कहा है कि यदि कोई उन्हें झूठा साबित करके दिखा दे तो वे अपने पद्मश्री को भी वापिस दे देगी और सभी के सामने माफी भी मांग लेगी।