भारत जनसंख्या में बड़ा देश होने के साथ साथ ही अपनी संस्कृति और बड़े धर्म के लिए भी जाना जाता है। यहां सभी धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। यहां सभी भाई सारे की तरह रहना पसंद करते हैं एक साथ सभी धर्म के लोगों को आप साथ में देख सकते हैं इतने ही नहीं त्योहारों पर भी देश में भाईचारे की मिसाल पेश की जाती है। आज हम जिस जानकारी से आपको अवगत करवाने जा रहे हैं इसके बारे में जानकर आपको भी काफी गर्व महसूस होगा।
दरअसल, बिहार में ऐसा गांव मौजूद है जहां पर एक बड़ी सी मस्जिद बनी हुई है लेकिन बड़ी बात यह है कि इस मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए इस गांव में एक भी मुस्लिम समुदाय के लोग नहीं रहते हैं। लेकिन फिर भी इस मस्जिद में समय-समय पर नमाज पढ़ी जाती है इतना ही नहीं इस मस्जिद की पूरी देखभाल भी की जाती है इसका पूरा जिम्मा हिंदू धर्म के लोगों ने उठाया है जी हां इस मस्जिद की देखभाल हिंदू धर्म के लोग करते हैं। यहां पर पांच टाइम की नमाज भी पढ़ी जाती है।
बिहार के इस गांव का नाम माड़ी है। जो नालंदा इलाके में मौजूद हैं। वहीं पेपर में छपी खबर के अनुसार यहां पर पहले मुस्लिम समुदाय के लोग भी रहा करते थे लेकिन समय के साथ उन्होंने अपना पलायन कर लिया जिसके बाद यहां गांव में केवल हिंदू लोग ही बचे हैं। लेकिन यहां मस्जिद मौजूद होने के चलते हैं हिंदू लोग इसकी पूरी देखभाल करते हैं भारत देश की यही सबसे बड़ी बात है कि यहां पर हिंदू मुस्लिम भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल पेश की जाती है। हिंदू समुदाय के लोग इस कार्य को पिछले काफी सालों से करते आ रहे हैं।
बिहार के नालंदा जिला के बेन प्रखंड का माड़ी गांव, जो दे रहा है सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश, हिंदू-मुस्लिम कहकर लड़ने वालों के लिए एक मिसाल…देखें वीडियो#intolerance #Bihar pic.twitter.com/vlqZA2V5Zy
— kajal lall (@lallkajal) September 9, 2019
बात रही मस्जिद में नमाज अदा करने की तो हिंदू धर्म के लोगों को नमाज तो पढ़ना नहीं आती तो वह इस का कार्य पेनड्राइव के माध्यम से करते हैं। इतना ही नहीं यहां पर सुबह शाम साफ सफाई भी की जाती है इस मस्जिद को काफी ज्यादा धार्मिक तो उसे देखा जाता है और हर अच्छे कार्य से पहले यहां पर सभी लोग पहुंचते हैं इस मस्जिद को सभी गांव वाले काफी ज्यादा सुख मानते हैं और सभी से अपना एक धार्मिक स्थान कहते हैं मुस्लिम रीति रिवाज की तरह इस मस्जिद में सब कार्य हिंदू धर्म के लोग द्वारा किया जाता है।
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इस गांव के लोगों की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है जिस तरह से एक मंदिर की देखरेख करते हैं वैसे ही मस्जिद की भी देख रेख हिंदू समुदाय के लोग कर रहे हैं। इतने ही नहीं गांव के लोग चंदा इकट्ठा करके इस मस्जिद निर्माण भी करते रहते हैं साथ ही गांव में कोई शुभ कार्य से पहले यहां पर माथा टेक आ जाता है।