कहते है मुसीबत पड़ने पर जब अपने ही साथ छोड़ देते तो पराए लोगों से क्या उम्मीद रखी जाए। अच्छे अच्छे के सब साथी होते है लेकिन जब बुरा समय चल रहा होता तो इंसान अकेले जीने को मजबूर हो जाता हैं। आज के दौर में इंसान इंसानियत खो बैठा हैं। दौलत, जमीन-जायदाद के लिए इंसान इंसान का दुश्मन बना हुआ हैं। अब आप सोच सकते है हम उस दौर में जी रहे है जहां इंसान को नही दौलत को इज्जत दी जाती है। जबकि कहा जाता है खाली हाथ आये है और खाली हाथ जाएंगे। उसके बाद भी दौलत के लिए भाई-भाई का नही, बेटा-बाप का नही होता है जिसकी वजह से कई ऐसे रिश्ते टूट जाते हैं। क्योंकि इंसान शोहरत पर नही दौलत पर जी रहा हैं।
वही हम बात करे तो आजकल लोग अन्य लोगों के धर्म के प्रति भेदभाव करते है। ख़ासकर हिन्दू-मुस्लिम की बात हो तो लोगों के मन मे एक अलग ही भावना लगती हैं। हिंदू-मुस्लिम के बीच ही सबसे ज्यादा भेद होता हैं। हाल ही आप देख सकते राम मंदिर निर्माण को लेकर भी हिंदू-मुस्लिम की ही लड़ाई चल रही हैं। कहते है इंसान का शरीर एक होता हैं लेकिन कई किस्म के लोग होते हैं।
Karnataka: A Muslim man, who is the guardian of
an 18-year-old Hindu girl, facilitated her marriage to a Hindu man as per Hindu rituals in Vijayapura on Friday"It was my responsibility to marry her off to a man from the religion she belongs to," said the man, Mehboob Masli pic.twitter.com/V72EAD9k0F
— ANI (@ANI) August 1, 2021
आपने सोशल मीडिया के माध्यम से या स्वयं आंखों से कई समाजसेवी को सेवा करते हुए देखा हैं। लोगों को भोजन के पैकेट वितरण करते देखें होंगे। लेकिन क्या कभी किसी मुस्लिम धर्म के घर हिंदू धर्म की युवती को अपनाते हुए देखा। नही देखा होगा लेकिन ये बिल्कुल सच हैं। अब आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे हो सकता कोई अन्य धर्म की युवती को अपने घर मे कैसे रख सकता। लेकिन आज आप देख लीजिए। दुनिया मे अब भी कई ऐसे इंसान है जिसमें आज ही इंसानियत जिंदा हैं।
आपको बता दूं कि ये कोई घटना नही बल्कि एक लड़की को जीवनदान दिया हैं। जी हां एक मुस्लिम समाज के दम्पति ने अनाथ हिंदू लड़की को अपने घर मे जगह ही नही बल्कि उसकी हिन्दू समाज की परम्परा के साथ शादी भी की गई। आपको सुनकर जरूर आश्चर्य हो रहा होगा। लेकिन ये बिल्कुल सच हैं। मुस्लिम समाज के दम्पति ने ये साबित करके बताया कि इंसान धर्म से नही कर्म से महान होता हैं।
आज हम आपको बताते है आखिर ऐसा क्या हुआ होगा जिसकी वजह से मुस्लिम दम्पति ने लड़की को जीवनदान दिया। उसका जीवन खुशहाली से भरा। उसको पाला ही नही शादी तक कि व्यवस्था की गई।
यह मामला विजयपुरा का हैं जहां एक बच्ची ने 7 साल की उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। माता-पिता को खोने के बाद बच्ची को परिवारवालों ने तक रखने से इनकार कर दिया था। उस मासूम जिसने कभी कुछ न देखा। उसे क्या मालूम था कि वो एक दिन अपने माता-पिता को खो देगी। उस मासूम सी बच्ची का जब कोई नही था तब उसी के इलाके में रहने वाले मुस्लिम दम्पति ने उसकी देखभाल का ज़िम्मा उठाया।
आपने देखा होगा कि आज की दुनिया मे जब अपने कुछ दिन से ज्यादा रह लेते तो दूसरे तो छोड़ो अपने ही ताने कसने लगते हैं। जब अपनों के प्रति इंसान का व्यवहार बदल जाता है तो फिर किसी ओर के बच्चें की बात हो तो उसके लिए किस तरह का व्यवहार होगा इसका अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं।
महबूब मूसली ने एक इंसानियत का फर्ज अदा किया हैं। उन्होंने उस अनाथ बच्ची को अपने बच्चों की तरह पाला और बढ़ा किया। उनके स्वयं के खून होते हुए भी बच्ची पूजा के प्रति कभी मदभेद नही किया। यहां तक एक हिंदू बच्ची पर किसी तरह का कोई दवाब नही बनाया गया बल्कि उसकी शादी हिन्दू धर्म के अनुसार शंकर नामक युवक से की गई।