आज सब्जी के रूप में बाजारों में कई तरह की सब्जियां मौजूद हैं जिन्हें सभी लोगों द्वारा खाना काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। वैसे तो हर इंसान काफी ज्यादा चटोरा रहता है किसी को सूखी सब्जी पसंद होती है तो किसी को बिजली लेकिन आज हम एक ऐसी सब्जी की बात करने जा रहे हैं जो सदाबहार है और जिसे सभी खाना काफी ज्यादा पसंद करते हैं। इसे कई तरीके से बनाई भी जा सकती है।
जी हां आज हम बात करने जा रहे हैं भिंडी की आमतौर पर भिंडी को हर इंसान खाना पसंद करता है या हरे किस्म की होती है जिसे तेल में फ्राई करते हुए मसाले के साथ में भी बनाया जाता है या फिर इसे नॉर्मल ही भी बनाया जाता है लेकिन सर की सब्जी की बात करें तो भिंडी सदाबहार कही जा सकती है। लेकिन आपने अभी तक भिंडी की एक ही प्रकार की किस्म को देखा है। ज्यादातर बाजारों में हरे रंग की भिंडी मिलती है और इसी को लोग खाना पसंद करते हैं।
लेकिन आज हम आपको भिंडी की नई प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका कलर लाल होता है इसे मध्य प्रदेश के किसान मिस्रीलाल राजपूत द्वारा अपने खेतों पर उगाया गया है वह इसकी खेती कर रहे हैं तो चलो आपको बताते हैं कि यह भिंडी में क्या गुण मौजूद है जो इसे हरी भिंडी के अपेक्षा ज्यादा महंगा और अच्छा बनाता है। ANI से बात करते हुए किसान ने बताया कि यहां भिंडी हरे रंग की भिंडी से काफी ज्यादा अलग है यह काफी ज्यादा पोष्टिक रहती है यह लाल रंग की होती है।
वही इसके गुण के बारे में बताते हुए किसान मिश्रीलाल राजपूत ने बताया कि यह भिंडी कई तरह के बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए काफी ज्यादा अच्छी रहती है। उन्होंने बताया कि यह हृदय और ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल करने का काम करती हैं। वही किसान से जब इस नई किस्म की भिंडी के बीज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां उन्होंने वाराणसी के कृषि अनुसंधान से बीज खरीदा है वे उस समय 1 किलो बीज लेकर आए थे। आगे किसान ने यह भी बताया कि उन्होंने भिंडी में किसी भी तरह का छिड़काव नहीं किया है यह 40 दिनों में अच्छी ग्रोथ में आ गई है।
किसान ने ANI को इस भिंडी की पैदावार के बारे में बताते हुए कहा कि यहां 1 एकड़ में 40-50 क्विंटल आराम से पैदा हो सकती है और यदि मौसम अच्छा रहा और फल अच्छा आया तो यह 70 से 80 क्विंटल भी 1 एकड़ में निकल सकती है। आम भिंडी के मुकाबले इस लाल भिंडी की बाजार में कीमत भी काफी ज्यादा होती है इसे मॉल में 600 से 800 रूपए प्रति किलो के दाम पर बेचा जा सकता है।