दान तो कई तरह का होता है मगर दान अगर सिर के बालों का हो तो सोचिए कैसा हो। कोटा निवासी दुबई प्रवासी सौरभ नेहा जैन के 3 वर्षीय दृढ़ संकल्पी तक्ष ने अपनी मां और दीदी की प्रेरणा से अपने बाल कैंसर पीड़ितों को दान करने का निश्चय किया। कुछ समय पूर्व तक्ष की दीदी मिशिका भी अपने 23 इंची बालों को कैंसर पीड़ितों के लिए दान कर चुकी है।
20 बालकों ने अपने बाल दान किए जिसमें तक्ष दुनिया का सबसे नन्हा बालक है। जिसने अपने 16 इंच बाल दान करने का निश्चय किया था लेकिन इसके लिए उसे 6 महीने का इंतजार करना पड़ा क्योंकि कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहे थे। प्रोटोकॉल खत्म होने पर जैसे ही तक्ष को पता चला कि भारतीय कैंसर पीड़ितों को विग बनाने के लिए सीधे ही बच्चों के बाल की आवश्यकता है तो तक्ष ने बिना देर किए 16 इंच बाल दान कर दिए।
आज तक्ष की चर्चा पूरे विश्व स्तर पर हो रही है। उन्होंने यह कार्य “हेयर एंड होप” संस्था के बैनर तले किया। यह संस्था कैंसर पीड़ित मरीजों व बच्चों के लिए 2003 से काम कर रही है। इस नेक काम के लिए तक्ष को “काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया” द्वारा स्पेशल ट्रॉफी से नवाजा गया। यह ट्रॉफी दुबई के डॉक्टर अमन पूरी द्वारा प्रदान की गई। तक्ष का यह काम निश्चय ही प्रशंसनीय है और हमें तक्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए।
कोटा के महावीर विस्तार योजना निवासी इंजीनियर सौरभ जैन ने 21 सितंबर को दुबई में रहते हुए यह जानकारी दी। जैन ने जैसे ही यह जानकारी दी परिजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। परिजन अपने आपको गौरवान्वित महसूस करने लगे।
नन्हे तक्ष ने कैंसर पीड़ितों के दर्द को दिल से महसूस किया। ऐसे पीड़ितों को थेरेपी के बाद विग लगानी पड़ती है और इसके लिए बाल दान में मिलना बेहद मुश्किल होता है।
देशभर में इस तरह की एक मुहिम चलाई जा रही है जिसमें बच्चे व बड़े खुशी-खुशी अपने खूबसूरत बालों को दान के लिए कटवा कर छोटे करवा रहे हैं। उनके दान किए हुए बाल किसी की जिंदगी में नई खुशियां ला रहे हैं। कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए जब कीमोथेरेपी की जाती है तो सारे बाल झड़ जाते हैं। इसके लिए विग बनाने के लिए बालों की जरूरत होती है। नेहा रतलाम के भंडारी परिवार से ताल्लुक रखती है। नेहा कमलेश जी मंजू जी भंडारी की बेटी है तथा तक्ष उनका दौहित्र है।