कोविड-19 ने लोगों की ऐसी कमर तोड़ी है कि वे आज भी आपने आप को संभाल नहीं पाए हैं। अच्छी खासी नौकरी करने वाले बहुत से युवा ऐसे बेरोजगार हुए क्यों ने अपना घर चलाने के लिए मजदूरी तक करना पड़ गई। जहां समय के साथ बहुत से लोगों ने एक बार फिर अपनी गलती को पहले की तरह संभाल लिया है।

तो वहीं आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो अभी तक अपने आप को नहीं संभाल पाए और कोविड-19 में घर चलाने के लिए कर्ज में ऐसे डूबे कि वह अभी भी कर्ज का बोझ अपने स्तर से नहीं उतार पाएंगे आज हम एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कोविड-19 के चलते अपनी नौकरी कोई बाद में घर चलाने के लिए साइकिल से डिलीवरी ब्वॉय का काम किया।
दरअसल, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के रहने वाले एक प्राइवेट टीचर शंकर मीणा को कोरोना बीमारी के कारण अपनी नौकरी गंवानी पड़ गई इसके बाद वे बेरोजगार हो गए वही अपना घर का खर्चा चलाने के लिए उन्हें डिलीवरी ब्वॉय का काम करना पड़ा लेकिन उनके साथ समझ से इतनी बड़ी थी कि उनके पास डिलीवरी ब्वॉय का काम करने के लिए मोटरसाइकिल नहीं थी।

ऐसे में उन्होंने साइकिल के सहारे ही जोमैटो में काम करने का फैसला कर लिया और साइकिल से ही वह डिलीवरी ब्वॉय का काम किया करते थे। दिनभर साइकिल से डिलीवरी का काम करने वाले शंकर मीणा कभी कबार तो रोड के किनारे ही सो जाया करते थे उनके घर में कोई नहीं है वह अकेली है। लेकिन दो रोटी और अपना पेट पालने के लिए उन्हें या काम करना पड़ता था।
शंकर मीणा ने हर परिस्थिति को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। लेकिन जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय वर्क करने भी कभी नहीं सोचा था कि 1 दिन उनकी मुलाकात ऐसे व्यक्ति से होगी जो उनकी जिंदगी को पलभर में ही बदल देगा। दरअसल, डिलीवरी के दौरान शंकर की मुलाकात 12वीं के छात्र आदित्य शर्मा से ऐसे में आदित्य ने शंकर से उनकी जिंदगी के बारे में पूछा और जब शंकर ने अपनी दास्तां सुनाई तो आदित्य की भी आंखें भर आई।

उसी पल आदित्य ने यह फैसला कर लिया कि वह शंकर की मदद करेंगे और उन्हें इस साइकिल से छुटकारा दिलवाकर मोटरसाइकिल दिलवाने में उनकी मदद करेंगे। ऐसे में उन्होंने ट्विटर पर एक कैंपेन चलाया जिसकी मदद से 1.90 लाख रुपये 2 घंटे में ही उन्होंने जुटा लिए इन पैसे की मदद से आदित्य ने शंकर मीणा को एक मोटरसाइकिल दिलवाई बाकी के बचे हुए पैसों से शंकर अपना कोरोना के दौरान हुए कर्ज को चुकाने के काम में लेंगे।
शंकर मीणा मूल रूप से अजमेर जिले के सावर के रहने वाले हैं। जो कि बहुत छोटा कस्बा है अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए शंकर 1200 की नौकरी किया करते थे। लेकिन कोरोना के कारण उनकी यहां नौकरी भी चली गई जिसकी वजह से उन्हें अपना घर चलाने और पेट पालने के लिए कर्ज लेना पड़ा था। उनके पिता का निधन हो गया वहीं उनकी मां भी अब उनके साथ नहीं रहती है ऐसे में डिलीवरी ब्वॉय का काम करते थे अपने आप को संभालते हैं।
वही शंकर मीणा की मदद करने वाले आदित्य शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा जब फूड ऑर्डर किया गया तो उनके घर पर शंकर मीणा साइकिल के साथ डिलीवरी करने पहुंचे ऐसे में जब आदित्य ने उनकी कंडीशन देखी तो उन्होंने शंकर की मदद करने का मन बनाया उसके बाद आदित्य ने ट्विटर पर शंकर की पूरी जानकारी को साझा करते हुए 1 घंटे चालू किया उनका यहां तरीका सफल भी हुआ और महज 2 घंटे में तकरीबन डेढ़ लाख रुपए इकट्ठा हो गए जिससे उन्होंने शंकर को मोटरसाइकिल दिलवाई। आदित्य आगे चलकर डिजिटल एनजीओ खोलना चाहते हैं।