भारत ने पाकिस्तान से करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने वाले तीर्थयात्रियों पर 20 डॉलर की सेवा शुल्क नहीं लगाने की अपील करते हुए उम्मीद की थी। वह सेवा शुल्क नही वसूल करेगा। किन्तु पाक ने अपने नापाक इरादों को बताते हुए तीर्थयात्रियों की इस यात्रा पर ग्रहण लगाते हुए सेवा शुल्क की बदौलत अपना खाली कटोरा भरने की नापाक हरकत को जगजाहिर कर दिया है।
गुरु नानक की 550 वीं जयंती के समझौते के समापन पर हस्ताक्षर कीए जाना है, फिर भी पाक अपनी इस ज़िद के कारण दोनो मुल्कों की आवामो पर एक गहरे काले बादल के साथ ग्रहण लगाते बाज नही आ रहा है। वही इस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का कहना है कि पाकिस्तान के साथ कई दौर की चर्चा के बाद, हम सेवा शुल्क के मामले को छोड़कर अन्य सभी मुद्दों पर एक समझौते पर पहुँचे है,लेकिन पाकिस्तान सभी तीर्थयात्रियों पर 20 डॉलर यानि लगभग 1,420 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगाने पर अपनी बात पर अडींग है।
आगे बताया कि हमने पाकिस्तान से श्रद्धालुओं के हितों में ऐसा नहीं करने का आग्रह किया।फिर भी पाक है कि साफ इंकार करते हुए मानने को तैयार नही हो रहा है। हम पी2पी (पीपल टू पीपल) पहल के तहत आशा करते हैं कि समझौते का समापन हो सकता है, इस बड़े कार्यक्रम के लिए समय पर हस्ताक्षर किए जा रहे है। नई दिल्ली में सेवा शुल्क जैसी शर्तों पर गंभीर गलतफहमी के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच कॉरिडोर पर समझौते पर हस्ताक्षर होने की हर सम्भव कोशिस जारी है, जो गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक को करतारपुर में दरबार साहिब गुरुद्वारे से जोड़ देगा, जिससे दोनों मुल्कों के आम लोग आसानी से दर्शन प्राप्त कर आपस मे अमन चैन का सारी दुनिया को पैगाम देंगे। लेकिन पाक है कि अपनी नापाक हरकत पर अड़ा हुआ है, कुछ मानने को तैयार ही नही है।
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