जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की दवा के घातक साइड इफेक्ट से एक पुरुष में महिलाओं जैसे बदलाव आ गए मंगलवार को फिलाडेल्फिया कोर्ट में सुनवाई के बाद जज ने कंपनी पर 56,000 करोड रुपए का दंडात्मक हर्जाना लगाया. जो पीड़ित शख्स को मिलेगा, जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी कोर्ट में अपने आरोपों को झुठला नहीं सकी.
मैरीलैंड के 26 वर्षीय निकोलस मुरैना ने कोर्ट को बताया कि 2003 में उन्हें ऑटिज्म की तकलीफ हुई, तो डॉक्टर ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की दवा रिस्पर्डल लिखी. निकोलस का आरोप है कि डॉक्टर की दवा के बुरे परिणाम मिले तो उसने दवा पर लिखें साइड इफेक्ट के बारे में पढ़ा, लेकिन कंपनी ने दवा के घातक साइड इफेक्ट के बारे में चेतावनी नहीं दी. जिससे उन्हें शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलना पड़ा.
अमेरिका फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 1993 में दवा को मंजूरी दी थी. सीजोफेक्रिया व मानसिक रोग से ग्रसित के इलाज में इस दवा का इस्तेमाल होता है. 2015 में भी निकोलस को कोर्ट ने हर्जाने में 4 करोड़ 83 लाख देने का निर्देश दिया था. जूरी ने इस वक्त भी कहा था कि कंपनी ने दवा के साइड इफेक्ट के बारे में रोगी को कोई जानकारी नहीं दी थी.
जॉनसन एंड जॉनसन ने आरोपों को नकारा
जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि हमारे किसी प्रोडक्ट में केमिकल नहीं है. जिससे पुरुष में महिला जैसे बदलाव आ जाए. कोर्ट ने हमारे सबूतों को नहीं सुना. हम पर लगाया गया जुर्माना चिंताजनक है, फैसले के लिए ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।
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