भड़काऊ भाषण, हिंदुत्व छवि वाले नेता व मुस्लिम विरोधी होने के कारण निशाने पर थे कमलेश।

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नई दिल्ली। यूपी पुलिस ने कमलेश तिवारी हत्याकांड का 24 घंटे के अंदर पर्दाफाश कर दिया है। कमलेश की हत्या होने के बाद यूपी की सियासत में भूचाल आ गया है। वही विपक्षी पार्टियां कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमलावर है। दूसरी ओर पीड़ित परिवार ने इस हत्याकांड के लिए सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। इस दौरान शनिवार को यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने मात्र 24 घंटे के अंदर कमलेश तिवारी हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए खुलासा कर दिया है। डीजीपी ने बताया कि एक हत्याकांड के तार गुजरात तक फैले हुए हैं। इसलिए कार्रवाई करते हुए सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि इन तीनों के अलावा कुछ और लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है।

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डीजीपी ने शक जताते हुए बताया कि इस घटना के तार गुजरात से जुड़े हैं, इसलिए कार्रवाई करते हुए सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इन तीनों के अलावा कुछ और लोगों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि बिजनौर से दो मौलानाओं को देर रात हिरासत मे लिया।

डीजीपी ने बताया कि हत्याकांड के षड़यंत्र में शामिल मौलाना अनवारुल हक और मौलाना नईम कासनी शामिल हो सकते हैं। सूरत के मौलाना मोसिन सलीम शेख, फैजान जिलानी और रशीद को पुलिस हिरासत में लिया गया। रशीद को कंप्यूटर का ज्ञान है, और दर्जी का काम करता है। वहीं, फैजान मिठाई खरीदने वालों में शामिल है। रशीद ने शुरुआती प्लान बनाया और उसी को मौलाना सलीम शेख ने उकसाने का काम किया था। डीजीपी ने बताया कि 2015 में कमलेश ने कुछ आपत्तिजनक बयान बाजी की, जिसके बाद मौलाना ने रशीद को उकसाया और उसके बाद ही इन्होंने ये साजिश रची, ओर अंत में उस साजिश को अंजाम तक पहुंचा दिया।

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