ऐतिहासिक घड़ी: आज रात चांद पर यूं उतरेगा भारत

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इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं। शुक्रवार की रात हमारे सपनों का चंद्रयान चांद की धरती पर होगा। यह ऐतिहासिक पल होंगे। देश के लिए चांद-रात होगी। आइये, आपको बताते हैं कि भारत के गौरव का चंद्रयान-2 किस तरह चंद्रमा की धरती पर उतरेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 70 छात्र-छात्राओं के साथ इसरो के बेंगलुरु स्थित केंद्र में इसे लाइव देखेंगे। अमेरिकी एजेंसी नासा समेत परी दुनिया की निगाह इस अभियान पर है। इसरो ने कहा है कि ऑर्बिटर और लैंडर पूरी तरह ठीक हैं। हम उस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रहे हैं।

चंद्रयान-2: 15 मिनट होंगे सबसे अहम

जब विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए बढ़ेगा तो इस दौरान इसकी रफ्तार बुलेट ट्रेन की रफ्तार से 14 गुना अधिक होगी। इसलिए इसकी रफ्तार कम की जाएगी।

1. चार दिन पहले जब विक्रम और प्रज्ञान ऑर्बिटर से अलग होने के बाद 6120 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार से घूम रहा है। इस दौरान यह चांद की सतह से न्यूनतम 35 किलोमीटर और अधिकतम 100 किलोमीटर की दूरी पर है।

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2. शनिवार तड़के चांद की सतह पर उतरने से 15 मिनट पहले इसकी रफ्तार को कम की जाएगी। इसके 10 मिनट 30 सेकेंड के बाद जब विक्रम 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा तो इसकी रफ्तार को 526 किलोमीटर प्रति घंटे पर किया जाएगा।

3. अगले 38 सेकेंड के दौरान जब यह पांच किलोमीटर की दूरी पर होगा तो इसकी रफ्तार और कम होकर 331.2 किलोमीटर प्रति घंटा रह जाएगी।

4. अगले 89 सेकेंड के बाद जब विक्रम सतह से 400 मीटर की ऊंचाई पर होगा तो उस दौरान उसे थोड़ी देर के लिए बंद कर दिया जाएगा।

5. इसी दौरान 400 मीटर की ऊंचाई पर ही यह 12 सेकेंड तक उतरने के लिए सही जगह और उससे संबंधित आंकड़े एकत्रित करेगा।

6. अगले 66 सेकेंड बाद जब यह 100 मीटर की दूरी पर होगा तो इकट्ठा किए गए डाटा और तस्वीरों के आधार पर उतरने की जगह चुनेगा।

7. जब इसकी दूरी केवल 10 मीटर रह जाएगी तो 13 सेकेंड के अंदर यह चांद की सतह को छू लेगा। उसी वक्त विक्रम के सभी पांच इंजन काम करना शुरू कर देंगे।

8. इसके बाद सेंसर के आदेश पर विक्रम के चारों पैर खुल जाएंगे और वह चांद पर उतर जाएगा।

9. चांद की सतह पर उतरने के 15 मिनट बाद विक्रम वहाँ की पहली तस्वीर भेजेगा।

10. सतह पर उतरने के चार घंटे तक विक्रम एक ही स्थान पर रहेगा। इस दौरान वह कई जानकारी जुटाएगा। इसके बाद विक्रम का दरवाजा खुलेगा और उसके अंदर से प्रज्ञान बाहर निकलकर अपना काम शुरू कर देगा।

इसरो में उत्सकुता और आशा का माहौल

चंद्रयान-2 मिशन के शनिवार को चांद पर उतरने के अत्यंत महत्वपूर्ण घटनाक्रम से पहले इसरो में लोगों के मन में तमाम तरह के भाव उमड़ रहे हैं और यहां सभी भारतीय चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

अनदेखे दक्षिणी ध्रुवक्षेत्र पर प्रकाश डालेगा

लैंडर विक्रम शनिवार तड़के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए तैयार है। भारत का यह दूसरा चंद्र मिशन चांद के अब – तक अनदेखे दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर प्रकाश डाल सकता है। चांद का दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र बेहद रुचिकर है क्योंकि यह उत्तरी ध्रुव क्षेत्र के मुकाबले काफी बड़ा है।

छात्रों के साथ ऐतिहासिक लम्हों के साक्षी बनेंगे पीएम

प्रधानमंत्री चंद्रयान-2 के हालैंडर विक्रम की शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग देखने के लिए यहां मौजूद होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह सितंबर को बेंगलुरु पहुंचेंगे और पीनया के पास इसरो टेलीमेंट्री, ट्रैकिंग एवं कमान नेटवर्क में सात सितंबर तड़के चंद्रयान की लैंडिंग को देखेंगे।


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